पुष्कर सिंह धामी की उत्तराखंड में दोबारा ताजपोशी, 8 मंत्रियों ने भी ली शपथ
उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी ने इतिहास रचते हुए बुधवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ 8 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली. देहरादून के परेड ग्राउंड में हुए शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. पुष्कर सिंह धामी के साथ जिन मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें गणेश जोशी, रेखा आर्य, सुबोध उनियाल, प्रेमचंद अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और चंदन रामदास शामिल हैं. उत्तराखंड की नई कैबिनेट में सभी कैबिनेट मंत्री ही होंगे. कोई राज्यमंत्री नहीं होगा.
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उत्तराखंड के 12वें सीएम बने धामी
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. वह सूबे के 12वें सीएम हैं. इससे पहले जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान सौंपी थी. सोमवार शाम बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सह पर्यवेक्षक और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की मौजूदगी में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को सर्वसम्मति से उसका नेता चुना गया था. इस बार के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को खटीमा सीट से हार मिली है. हार के बावजूद बीजेपी ने उनपर भरोसा जताया है. पुष्कर सिंह धामी को अब 6 महीने के भीतर जीत हासिल करके विधानसभा का सदस्य बनना होगा.
Dehradun | Satpal Maharaj, Premchand Aggarwal, Ganesh Joshi, Dhan Singh Rawat take oath as ministers in the Uttarakhand cabinet. pic.twitter.com/oqewQ15OZQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022
चुनाव से 8 महीने पहले जब पुष्कर सिंह धामी को कमान मिली तब बीजेपी उत्तराखंड में दो मुख्यमंत्री बदलने के लिए आलोचना झेल रही थी. पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के विवादास्पद बयान भी पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे थे. ऐसे में पुष्कर सिंह धामी ने विवादित बयानों से बचते हुए जनता के बीच बीजेपी के कामों को ज्यादा से ज्यादा पहुंचाया.
पुष्कर सिंह धामी पर एक नजर
16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के टुंडी गांव के राजपूत परिवार में धामी का जन्म हुआ था. उनके पिता आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार थे.
उन्होंने ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन्स में लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने एलएलबी की.
साल 2001 में जब भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री थे, तब धामी उनके सलाहकार थे.
उन्होंने आरएसएस और उससे जुड़ी संस्थाओं के साथ 33 साल तक काम किया. उनकी पॉलिटिकल यात्रा उत्तर प्रदेश से शुरू हुई, जहां उन्होंने बतौर एबीवीपी सदस्य अवध प्रांत में एक दशक तक काम किया.
साल 2008 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे.
साल 2012 में वह खटीमा से विधायक चुने गए. 2017 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत हासिल की.
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