180 किमी पैदल चल किसान पहुंचे मुम्बई, CM से करेंगे मुलाकात
मुंबई–देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में करीब 30 हजार किसान अपने खेतों को छोड़कर सड़कों पर हैं। मुंबई से करीब 150 किलोमीटर दूर नासिक से चला किसानों का यह रेला आजाद मैदान में जमा है। यहां से ये किसान विधानसभा घेरने के लिए निकलेंगे।
बताया जा रहा है कि बच्चों की परीक्षा को देखते हुए किसानों ने 11 बजे के बाद प्रदर्शन का फैसला किया है। नासिक से छह मार्च को ‘लॉन्ग मार्च’ पर निकले महराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के 35,000 से अधिक किसान रविवार को मुंबई पहुंचे। किसानों के प्रदर्शन के बीच रविवार देर रात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग के बाद छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। विपक्षी दलों के साथ भाजपा नीत गठबंधन के घटक शिवसेना ने भी इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है। शिवसेना यूथ विंग के नेता आदित्य ठाकरे ने यहां किसानों से मुलाकात की। बाद में वह रैली में शामिल भी हुए।
किसानों के इस कूच को लेकर महाराष्ट्र में जहां राजनीति गर्म है, वहीं पुलिस भी टेंशन में है। आज 1993 के बम धमाकों की 25वीं बरसी भी हैं। ऐसे में पुलिस के लिए चुनौतियां दोहरी हैं। करीब 45 हजार पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, एसआरपी और रैपिड ऐक्शन फोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस की कोशिश है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को विधानसभा से दो किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाए। इसको देखते हुए वहां भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है।
क्या हैं किसानों की मांगें —
-कृषि उपज की लागत मूल्य के अलावा 50 प्रतिशत लाभ दिया जाए।
-सभी किसानों के कर्ज माफ किए जाएं ।
-नदी जोड़ योजना के तहत महाराष्ट्र के किसानों को पानी दिया जाए।
-वन्य जमीन पर पीढ़ियों से खेती करते आ रहे किसानों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाए।
-संजय गांधी निराधार योजना का लाभ किसानों को दिया जाए।
-सहायता राशि 600 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह की जाए।
-स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए।