इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति के खिलाफ राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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इलाहाबाद– इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हांगलू के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच के लिए राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। अब कुलपति के खिलाफ सरकारी शिकंजा कसेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जांच के बाद राष्ट्रपति से उच्च स्तरीय जांच कराने की अनुमति मांगी थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है।

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बता दें कि कुलपति रतनलाल का पूरा कार्यकाल ही विवादित रहा था। भर्ती से लेकर विभिन्न प्रक्रियाओं पर हमेशा यह निशाने पर रहे। वित्तीय अनियमितता, प्रवेश, नियम विरुद्ध नियुक्ति जैसी तमाम शिकायतें मिलने के बाद पूर्व में जांच भी हुई थी, जिसमें सारे आरोप सही पाए गए थे। 

गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी जिसने रतनलाल के विरुद्ध मिली शिकायतों पर तहकीकात की तो सारे आरोप लगभग सही पाए गए थे। कुलपति रतनलाल पर नियम विरुद्ध नियुक्ति प्रवेश, वित्तीय अनियमितता , प्रशासनिक गड़बड़ी आदि की ढेरों शिकायतें हैं, जिसके बाद अब विश्वविद्यालय के कुलपति की राह मुश्किल होगी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगल ऊपर शिक्षक भर्ती में धांधली, वित्तीय गड़बड़ी, एक्सपर्ट पैनल का सार्वजनिक हो जाना व चयन होने वालों का नाम पहले ही उजागर कर देना, स्क्रीनिंग प्रक्रिया में मनमानी, प्रवेश में धांधली, रिसर्च के दाखिले में लेटलतीफी, प्रशासनिक लचरता व संवेदनहीनता की शिकायते हैं। प्रोफेसर रतनलाल के कार्यकाल के दौरान 54 पदों पर बिना यूजीसी की मंजूरी के लिए नियुक्ति हुई थी, जिस पर अब कार्रवाई तय मानी जा रही है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों को कक्षाएं ना देना और बाद में बिना पढ़ाए ही 1.88 करोड़ रुपए का भुगतान करना भी कुलपति की गले की फांस बनेगा। याद दिला दें कि यूजीसी द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी ने आरोपों की तहकीकात की थी। कुलपति के खिलाफ सैकड़ों बार छात्रों से लेकर शिक्षकों ने मोर्चा खोला था और तमाम शिकायतों के बाद कई जांच टीमों ने साक्षी उठाए थे जिसके आधार पर ही अब राष्ट्रपति ने उच्च स्तरीय जांच को मंजूरी दी है।

 

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