प्रतापगढ़ः बदमाशों के खौफ से पलायन को मजबूर व्यापारी का कुनबा
प्रतापगढ़ — योगी राज में सूबे में अब जंगल राज कायम हो गया है। व्यपारियो की पार्टी मानी जाने वाली भाजपा के लिए व्यपारियो ने आज तक हर तरह से मदद की। लेकिन आज व्यापारी खुद को ठगा महसूस कर रहा है।
ताजा मामला प्रतापगढ़ जिले के आसपुर देवसरा इलाके के अमरगढ़ बाजार का है। जहां का रहने वाला कृष्ण कुमार उमर वैश्य बच्चा सेठ। जो गुंडों माफियाओ के भय के चलते घर बार छोड़ने को मजबूर हो गया है।बता दें कि पहली बार इस व्यापारी से 2016 के नवम्बर माह में दबंगो ने रंगदारी मांगी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया। जिससे बदमाशो के हौसले और बुलन्द हुए तो दिसम्बर 2017 में पुनः दस लाख की रंगदारी मांगी गई जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज आरोपियो की गिरफ्तार कर जेल भेज दिया ।
इसके बाद जेल से रंगदारी की मांग शुरू हुई और माफियाओ के गुर्गे असलहों से लैस होकर बाइक पर सवार हो कर दरवाजे पर मंडराने लगे। अब पुनः इस वर्ष 8 अगस्त और 13 अगस्त को दस लाख की रंगदारी मांगी गई इस सबका ऑडियो लेकर सहमा कृष्ण कुमार थाने से लेकर अलाधिकार्यो की चौखट तक चक्कर लगाता रहा और इस ऑडियो के वायरल होने के बाद जिसमे मौत का समय भी निर्धारित किया गया था पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ठंढे बस्ते में डाल दिया। जबकि एक आरोपी जेल में है तो वही अन्य चार बदमाश लगातार रेकी कर रहे है। जिसके चलते इस कुनबे ने घर बार छोड़ अन्यत्र बसने का मन बना लिया।
आप देख सकते है कि घर के बाहर पोस्टर चस्पा कर दिया और कमरों में टाला बन्द कर जरूरत का सारा सामान समेट चुका है। वहीं बीबी का रोरो कर बुरा हाल है रूधें गले से कैमरे के सामने आप बीती बताती है जबकि आंखों से बहते आंशू रुकने का नाम नही ले रहे। तीन मासूम बच्चों का इस सेशन में अगस्त से ही स्कूल जाना बंद हो गया है दो बेटे तो अभी अबोध है जिनके समझ मे कुछ भी नही आ रहा केवल मा बाप की तरफ प्रश्न भरी निगाहों से देखते है तो वही सबसे बड़ी बेटी श्रेया जो कक्षा सात में पढ़ती है किसी तरह स्कूल छोड़ने का कारण बताती है।
कृष्ण कुमार का कहना है कि यहा रहकर जान देने और बच्चों की जान को खतरे में डालना ठीक नही पुलिस ने एक गनर दिया, कब तक रहेगा पता नही। लेकिन अभी तक कोई कर्यवाई आरोपियो के खिलाफ नही की गई । कहीं न कही अपराधियो को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इस सरकार में व्यापारी पूरी तरह असुरक्षित है जबकि सत्ता में व्यपारियो की पार्टी ही काबिज है। अन्यत्र बसने की बाबत इनका कहना है सूबे में बसने के बजाय अन्य राज्य ज्यादा सुरक्षित है।
गौरलतलब है कि ये कोई पहली घटना नही है। कोहड़ौर कोतवाली से चंद कदमो की दूरी पर तेईस जुलाई को दुकान पर बैठे व्यापारी भाइयो की दुकान में घुसकर हत्या कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने चौबीस घण्टे में गिरफ्तारी का फरमान जारी किया लेकिन आज तक पुलिस के हाथ खाली है। इस बाजार के लगभग एक दर्जन व्यपारियो से रंगदारी मांगी जा चुकी है तो वही आसपुर देवसरा कोतवाली के हाइवे पर स्थित ढखवा बाजार में ही मोबाइल की दुकान में तलवार और रॉड से लैस आधा दर्जन दबंगो ने दिनदहाड़े धावा बोलकर रंगदारी न देने पर दुकान में घुसकर जानलेवा हमला किया और राहगीर तमाशा देखते रहे थे।
इस बाबत पुलिस कप्तान का इतने पुराने मामले में दावा है कि सुरक्षा के लिए एक गनर दिया गया है घटना के जल्द खुलासे की भी बात कर रहे। शस्त्र लाइसेंस भी देने की बात कर रहे है। इसी इलाके के ढखवा बाजार से रंगदारी से आजिज व्यापारी कुनबे सहित पलायन कर गया है लेकिन कप्तान साहब को पता नही।
प्रतापगढ़ में पुलिस, अपराधियो और नेताओं का गठजोड़ नजर आता है। इसके पीछे कारण भी है कि किसी भी बड़ी घटना का अब तक खुलासा करने में पुलिस नाकाम रही है लगभग प्रतिदिन व्यपारियो से जिले में रंगदारी मांगी जा रही है। आखिर कब रुकेगा जिले का अपराध, पलायन और कैसे लगेगी इस सब पर लगाम ये तो समय ही बताएगा।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,बहराइच)