चुनाव प्रचार के दौरान आमने-सामने आए विरोधी, जमकर हुई गोलीबारी, एक की मौत
यूपी के प्रतापगढ़ चुनावी हिंसा के लिए जाना जाता है, यहा लोकसभा, विधानसभा का चुनाव हो या पंचायत चुनाव (चुनाव प्रचार) लेकिन हिंसा जबरजस्त होती है।
आज सिंधौर की हसीना बेगम के परिजन और समर्थक और पांती के एनुल हसन जो बीडीसी का चुनाव लड़ रहे है चुनाव प्रचार को निकले थे कि लगभग दस बजे फूलपुर गांव में दोनो प्रत्याशियों का काफिला आमने सामने आ गया, पहले जमकर नारेबाजी हुई।
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इसके बाद मामला गर्म हो गया और लाठी-डंडे, हाकी और कुल्हाड़ी भी चलने लगी मामला थमने का नाम नही ले रहा था और फायरिंग भी शुरू हो गई। इस घटना में हसीना पक्ष के चालीस वर्षीय वहीद के कंधे और सीने पर गोलियां तो धंसी ही धारदार हथियारों के भी घाव हुए और मौत हो गई। तो वही एनुल के पैर में गोली लगी व एक अन्य भी मामूली जख्मी हो गया जिसे सीएचसी से प्रयागराज रेफर कर दिया गया।
गोलीबारी की सूचना पर पहुंची पुलिस
मारपीट और गोलीबारी की सूचना पर सीओ सदर तनु उपाध्याय भारी पुलिस बल के साथ पहुच गई। मृतक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के ले लिए भेज दिया, और आरोपियों की धर पकड़ के प्रयास शुरू हो गए घटना में शामिल दो लोगो को पकड़ कर थाने में पूंछताछ जारी है। प्रतापगढ़ चुनावी हिंसा के लिए जाना जाता है चाहे लोकसभा विधानसभा का चुनाव हो या फिर पंचायत चुनाव, बिना हिंसा के सम्पन्न नही होता।
जिले में हर चुनाव में होती है हिंसा…
गत पंचायत चुनाव में मतदान के भी दिन मतपेटिका लूटने, आगजनी, मारपीट और फायरिंग जैसी घटनाएं दिन भर होती रही और शाम को तत्कालीन डीएम अमृत त्रिपाठी, एसपी सुनील सक्सेना समेत कई आलाधिकारी निलंबित हो गए थे। इस चुनाव जो माहौल नजर आ रहा है और अफसरों का जो रवैया है उससे इस बार भी चुनाव हिंसक होने के आसार नजर आ रहे है।
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(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)