यूपी के प्रतापगढ़ में सरकारी ठेकों पर अवैध शराब धड़ल्ले बिक रही है। शराब माफिया प्रतिवर्ष सरकार को करोड़ो रुपये के राजस्व का चूना लगा रहे है। अवैध शराब का यह खेल नेताओं से लेकर आबकारी विभाग व पुलिस के संरक्षण में होता है।
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वहीं सोमवार को पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बाद छापेमारी में जेठवारा थाने के डेरवा बाजार में अंग्रेजी शराब की दुकान से 12 लाख की तस्करी कर लाई गई शराब बरामद हुई। वहीं स्थानीय पुलिस की संलिप्तता उजागर होते ही एसपी ने चौकी इंचार्ज डेरवा को निलंबित कर दिया है।
भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद…
एसपी की माने तो अवैध शराब की कीमत बारह लाख रूपये है, जिसमे 147 पेटी अंग्रेजी शराब व 10 पेटी देशी शराब बरामद की गई । साथ ही अभय सिंह व शनि श्रीवास्तव को मौके से गिरफ्तार किया गया । जबकि धीरेन्द्र सिंह उर्फ बंगाली अभी भी फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिये टीमे लगी है।
बता दे कि स्वाट टीम व जेठवारा पुलिस की दो अलग अलग टीमों को एसपी ने लगाया था । उक्त टीम को पुलिस अधीक्षक ने जहाँ दस हजार रुपये इनाम दिया तो वही इस मामले में चौकी इंचार्ज डेरवा की भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर कप्तान ने किया निलंबित। अवैध शराब के संबंध में एसपी का कहना है कि मेरे द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी थाना क्षेत्र में अगर अवैध शराब का कारोबार होता मिला तो उसकी जिम्मेदारी थाना प्रभारी व संबंधित चौकी इंचार्ज, बीट सिपाही समेत सबकी जिम्मेदारी तय की जायेगी ।
सरकार को लगा करोड़ों के राजस्व चूना…
अगर किसी पुलिस कर्मी की संलिप्तता पाई जायेगी तो उनको भी अपराधी मानते हुये गैंगेस्टर के अंतर्गत गैंग चार्ट में उनको भी शामिल किया जायेगा । पिछले वर्ष की अगर बात करे तो 150 करोड़ के राजस्व की वसूली शराब व बियर की दुकानों से हुई थी। अगर अवैध शराब पर रोक लगाने में प्रशासन कामयाब हो जाये तो राजस्व मे हो सकती है भारी बढ़ोत्तरी।
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(रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)