प्रदेश में 400 रूपये में बिकने वाला आलू इस जगह बिक रहा है 6 हजार रूपये में…

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फर्रुखाबाद–उत्तर प्रदेश में इलाहबाद के बाद अपरा काशी फर्रुखाबाद में पांचाल घाट एक माह लगने वाला रामनगरिया माघ मेला में इन दिनों हर तरफ संगम की छठा बिखरी है । हर छठा का अपना-अपना महत्व है ।

ऐसी ही एक छठा है मेले में भुना हुआ आलू । अगर आप मेला रामनगरिया घूमने आये है और भुने हुए आलू का स्वाद नहीं लिया तो आपका मेला आना बेकार है । टेस्टी मसाले और  हरी धनिया, टमाटर, मिर्च, लहसुन से बनी चटनी देखकर लोगो के मुँह में पानी जरूर आ जाता है ।

दरअसल जिले का आलू किसान भले ही अपने आलू को कौड़ियों के भाव बेच रहा हो ।पर मेला रामनगरिया में यही आलू महंगे दामों में बेचा जाता है ।मेला रामनगरिया में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आलू की उनकी मनपसन्द डिस्क बनाकर उनके सामने परोस रहे है।

खाने वालों के सामने ऐसे पहुंचते हैं आलू

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दरअसल दूकानदार आलू को आग पर लगी कड़ाई में पहले भूनते है उसके बाद छील कर टेस्टी बनाने के लिए कई प्रकार के मसाले डाल कर नमक तैयार करते है। उसके साथ हरी धनिया, टमाटर, मिर्च, लहसुन आदि मिलाकर चटनी तैयार करते है, जो आलू के स्वाद में चार चाँद लगा देता है।फिर लोगो को दिया जाता है। 

बता दें कि इस माघ मेला में रोजाना हजारो लोग आते है। ज्यादातर सभी लोग अपने परिवार सहित या दोस्तों के साथ आते है।पूरे दिन मेला में मनोरंजन करने के बाद सिर्फ आलू ही खाना पसंद करते है।आलू खाने के लिए लोग यहां दिल्ली से लेकर लखनऊ तक के लोग केवल एक माह में आलू का स्वाद लेने गंगा के दरबार में आते है। आलू खाने वालों लोगो का मानना है कि आलू कही भी खरीदा जा सकता है लेकिन स्वाद इस मेले में लगी भुने हुए आलू की दुकानों पर मिलता है।वैसे भी यहां का आलू पूरे देश में प्रसिद्ध है।इस एक माह के मेले में हजारों कुंतल आलू भून कर दुकानदार लोगो को खिला देते है।आलू भुनने वाले अपने पूरे परिवार के साथ 24 घण्टे लगातार लगे रहते है।तब कही जाकर अच्छा आलू अपने ग्रहाको को उपलब्ध करा पाते है।इसीलिए इस बार मेले में भुना हुआ आलू 60 रूपये किलो बिक रहा है। 

गौरतलब है कि फर्रुखाबाद यह आलू डिस्क आस-पास के जिले में भी मशहूर है क्योंकि आलू को लोग नमक मसाले व चटनी मक्खन के साथ इतने चाव से खाते है जैसे लोग होटलो में खाना खाने जाते हो।मेले में लगी सभी आलू की दुकानों पर किसी प्रकार का भेदभाव नही होता है।एक गरीब आदमी से लेकर अमीर आदमी भी जमीन पर बैठ कर आलू के स्वाद का लुफ्त उठाते है।

रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद

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