दबंगो ने बुजुर्ग विकलांग संत की पिटाई के बाद मन्दिर पर किया कब्जा
एटा–उत्तर प्रदेश में भले ही संतो की सरकार हो पर संतो पर अत्याचार रुकने का नाम नही ले रहा है।जब प्रदेश के मुख्यमंत्री एक संत योगी अदित्यनाथ को बनाया था तब संतों में बड़ी प्रशन्नता थी पर सन्तों को उस पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है।
ताजा मामला जनपद एटा में देखने को मिला जहा एक बार फिर एटा में मानवता तार,तार हुई है। दबंगों ने 70 वर्षीय बूजुर्ग विकलांग संत की पिटाई के बाद मन्दिर पर अवैध कब्जा कर लिया और संत को धक्का देकर मंदिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
ये पूरा मामला थाना कोतवाली नगर के आगरा रोड़ पर स्थित रोडवेज वर्कशॉप के बराबर बने शिव मन्दिर का मामला है। जहा 4 दशक से ज्यादा रह रहे 70 बर्षीय बूजुर्ग संत अष्ठ वक्रराकार बाबा को दबंग क्षेत्रपाल सिंह यादव पुत्र बदन सिंह निवासी यादव नगर ने बूजुर्ग बाबा की पिटाई के बाद मंदिर पर कब्जा कर लिया और बूजुर्ग बाबा संत अष्ठ वक्रराकार को धक्का मार कर मन्दिर से बाहर कर दिया और मन्दिर पर द्वारा आने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। बताया जाता है कि इस शिव मंदिर को बूजुर्ग सन्त अष्ठ वक्रराकार बाबा ने अपने शिष्यो के सहयोग से 40 बर्ष पूर्व इसकी नीवं रखकर इसको बनवाया था, लेकिन दबंग क्षेत्रपाल सिंह यादव की आगरा रोड़ पर इस मंदिर और मन्दिर के बराबर पर पड़ी हुई करोड़ों की दुकानों की जगह को देखकर उसकी नीयत बिगड़ गई। फिर किया था आरोपी क्षेत्रपाल यादव ने अपने दर्जनों साथियों के साथ जाकर मन्दिर पर बने दोनों कमरों में ताले डालकर बूजुर्ग संत के साथ मारपीट की और धक्का मारकर मन्दिर से बाहर कर दिया और आइन्दा मन्दिर पर द्वारा आने पर जान से मारने की धमकी देकर सभी आरोपी फरार हो गए।
पीड़ित बूजुर्ग संत थाना कोतवाली नगर पहुचे जहाँ बताया जाता है कि पीड़ितों को न्याय मिलता है पर लेकिन ऐसा हो न सका, कोतवाली नगर से भी उनका वापस बैरिंग लौटना पड़ा यो उनकी पुलिस से न्याय की आस टूट गई और पुलिस अधिकारियों ने कल दोनों पक्षों को कोतवाली नगर बुलवाकर मामले में बात करने की कहकर मामले को टाल दिया और बूजुर्ग पीड़ित संत का पुलिस से भी भरोसा उठ गया और उनके शिष्यों ने तो पुलिस अधिकारियों पर दबंग आरोपी क्षेत्रपाल सिंह यादव से मिली भगत का भी आरोप बी लगा रहे है। दबंगों द्वारा भगवान के घर यानी मन्दिर को कब्जा करने की क्षेत्र में भारी चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र में इन बूजुर्ग संत को अष्ठ वक्रराकार बाबा के नाम से जाने जाते है। लोग बताते है कि बाबा को इस मंदिर पर 4 दशक से ज्यादा उस मंदिर पर रहते हुए हो गया।
(रिपोर्ट- आर. बी. द्विवेदी, एटा )