एक पुलिस अफसर (Police officer) की करतूत ने पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है। वहीं पुलिस विभाग में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाते हुए रिश्वत के तौर पर अस्मत मांगने के आरोपी एसीपी कैलाश बोहरा को निलंबित कर दिया। राज्य के गृह विभाग ग्रुप-1 ने बोहरा को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
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बता दें कि कैलाश चंद बोहरा सहायक पुलिस आयुक्त महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट, जयपुर शहर पूर्व पुलिस आयुक्तालय जयपुर के विरुद्ध विभागीय जांच/ अपराधिक प्रकरण भी लंबित है। राज्य सरकार ने नियम-1958 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आरपीएस कैलाश चंद बोहरा को निलंबित किया है।
ये है पूरा मामला…
दरअसल राजस्थान के जयपुर कमिश्नरेट के ईस्ट जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में तैनात एसीपी कैलाश चंद बोहरा ने एक पीड़िता को छुट्टी के दिन डीसीपी ऑफिस स्थित अपने कार्यालय बुलाया और कमरा बंद कर दुष्कर्म का प्रयास किया। इसी दौरान एसीबी ने आरोपी Police officer को आपत्तिजनक हालत में रंगे हाथ पकड़ लिया।
घूस के बादल मांगी थी अस्मत…रंगे हाथ पकड़े गए
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि पीड़िता ने 7 दिन पहले एसीबी में शिकायत देकर बताया कि उसने पुलिस में 3 केस दर्ज कराये हैं। इनमें से एक दुष्कर्म का है। उसकी जांच आरपीएस बोहरा के पास थी। कार्रवाई के बदले में बोहरा ने कई बार पहले रुपयों की मांग की। इसके बाद घूस के रूप में अस्मत मांगी।
गौरतलब है कि कैलाश चंद बोहरा 2 साल पहले इंस्पेक्टर से पदोन्नत होकर एसीपी बने थे। आरोपी बोहरा 1996 में बतौर सब-इंस्पेक्टर पुलिस में भर्ती हुए थे। Police officer
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