पुलिस का कारनामा- चोरी की गाड़ी नीलाम, सिपाही ने खरीदी
लखनऊ– यूपी पुलिस ने इस बार ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ठाकुरगंज इलाके से चोरी हुई जिस गाड़ी को खोजने के बजाए सीतापुर पुलिस ने उसे नीलाम कर दिया। नीलामी के बाद उस गाड़ी को वहीं तैनात एक कॉन्स्टेबल ने खरीद लिया है।
जानकारी होने पर दोनों जिलों की पुलिस होश उड़ गए हैं। लेकिन अब गाड़ी का मालिक ही उसे पाने के लिए थानों के चक्कर लगा रहा और पुलिस उसकी मदद के बजाए आनाकानी कर रही है। ठाकुरगंज के लालाबाग निवासी विनय प्रकाश द्विवेदी का हाफ डाला (यूपी30टी-6174) पिछले साल 26 अप्रैल को उनके घर के पास से चोरी हो गया था।
27 अप्रैल को उन्होंने ठाकुरगंज थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसकी जांच विवेचक रमेश चंद्र त्रिपाठी कर रहे थे। ठाकुरगंज पुलिस गाड़ी को तलाशने का दावा करती रही और चोर उसी गाड़ी को सीतापुर के रेऊसा थाना क्षेत्र में चेकिंग के दौरान छोड़कर भाग गए। रेऊसा थाने की पुलिस ने गाड़ी की छानबीन की तो उसमें से कागजात नहीं मिले। लिहाजा पुलिस ने गाड़ी मालिक को तलाशने की जहमत नहीं उठाई और उसे लावारिस में दाखिल कर पल्ला झाड़ लिया।
बिना जांच पड़ताल के किया नीलाम
<सीतापुर पुलिस ने तीन मई को लावारिस गाड़ियों की नीलामी करवाई तो उसी में विनय की गाड़ी को भी नीलाम कर दिया। गाड़ी को नीलामी में एक कबाड़ व्यवसायी ने खरीदा तो उससे वहीं तैनात कॉन्स्टेबल शाहिद अंसारी ने खरीद लिया, हालांकि गाड़ी अभी शाहिद के नाम ट्रांसफर नहीं हुई है, इसीलिए शाहिद ने गाड़ी खरीदने से इनकार किया है।
दलाल ने पता लगाया
आरटीओ कार्यालय के एक दलाल ने बताया कि कॉन्स्टेबल ने गाड़ी ट्रांसफर करवाने के लिए उससे संपर्क किया। उसने गाड़ी के चेचिस नंबर से छानबीन की तो पता चला कि वह हरदोई के पते पर रजिस्टर्ड करवाई गई थी। दलाल ने ही गाड़ी मालिक को फोन कर बताया तो उसे सच्चाई का पता चला। लिहाजा उसने गाड़ी ट्रांसफर करवाने से इनकार कर दिया है। पीड़ित विनय का कहना है कि उन्होंने अपने पिता के पते पर गाड़ी रजिस्टर्ड करवाई थी, लेकिन गाड़ी बरामद होने के बाद रेऊसा थाने की पुलिस ने उसके मालिक का पता लगाने के बजाए उसे लावारिस में दाखिल कर पल्ला झाड़ लिया था।
गाड़ी देने के बदले ढाई लाख की डिमांड
नीलामी के बाद कबाड़ व्यवसायी ने गाड़ी को डेंट पेंट करवाने के साथ ही उसकी मरम्मत भी करवाई है। गाड़ी मालिक विनय द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने व्यवसायी व कॉन्स्टेबल से संपर्क किया। एक विधायक के मध्यस्थता में समझौते की कवायद भी हुई, लेकिन गाड़ी हासिल कर चुके लोग ढाई लाख रुपये लेने के बाद ही गाड़ी देने की बात कह रहे हैं। रेऊसा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजकुमार सरोज का कहना है कि गाड़ी के बारे में तत्कालीन एसओ ने आरटीओ से पत्राचार किया था, लेकिन वहां से ब्योरा न मिलने की वजह से उसके असली मालिक का पता नहीं लग सका था। अब गाड़ी उसे वापस दिलवाने की प्रक्रिया शुरू करवाई जा रही है।
गाड़ी पर थी बारांबकी जिले की नंबर प्लेट
ठाकुरगंज इलाके से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले तस्करों ने विनय द्विवेदी की गाड़ी चुराई थी। गाड़ी रेऊसा थाना क्षेत्र में बरामद हुई तो उस पर बाराबंकी जिले के नंबर की प्लेट लगी थी। पुलिस को गाड़ी से मादक पदार्थ भी मिले थे, लेकिन पुलिस अब तक उन तस्करों को नहीं दबोच पाई। अब ठाकुरगंज पुलिस भी मामले की छानबीन का दावा कर रही है। एसओ ठाकुरगंज इंस्पेक्टर दीपक दुबे का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है। सीतापुर पुलिस से संपर्क किया जा रहा है।