2017 के मरीजों को मिलेगा 2021 में इलाज

0 20

लखनऊ: यूपी ही नहीं बल्कि देशभर में नामी चिकित्सा संस्थान के तौर पर प्रसिद्ध इन अस्पतालों में संसाधनों की कमी के चलते मरीज और डॉक्टर, दोनों ही बेहाल हैं। मरीजों की संख्या के हिसाब से जहां रोज कम से कम छह से 10 सर्जरी होनी चाहिए, वहां केवल एक या दो सर्जरी ही हो पा रही हैं।

Related News
1 of 1,456

मरीजों की हालत को देखते हुए इन अस्पतालों में डॉक्टर ओवरटाइम भी कर रहे हैं, इसके बावजूद वेटिंग कम नहीं हो पा रही है। मरीजों पर भी इसकी दो तरफा मार पड़ रही है। एक तो उन्हें इलाज समय से नहीं मिलता, दूसरा निजी अस्पतालों में जाने पर इलाज का खर्च 10 गुना तक बढ़ जाता है। भीड़ का आलम यह है कि पीजीआई में इस समय सर्जरी के लिए 3600 मरीज पंजीकृत होने के बाद वेटिंग में हैं। हर साल 800 के करीब हृदय रोगियों की सर्जरी करने के बावजूद यहां जनवरी 2021 की तारीख दी जा रही है। वहीं, केजीएमयू में दो हजार 758 मरीज पंजीकृत हैं। हर साल 700 से ज्यादा सर्जरी के बावजूद यहां दिसंबर 2019 से पहले की तारीख खाली नहीं है। तीन साल पहले ही शुरू हुए लोहिया संस्थान में सबसे कम दिल के मरीज पहुंचते हैं लेकिन यहां भी अब नवंबर 2018 की तारीख दी जा रही है।

बिहार के शिवकुमार (50) को चलने पर सीने में दर्द होता है। बेटे हरिओम ने बताया कि बिहार के डॉक्टरों ने बताया कि धमनी बंद हो रही है। जल्दी सर्जरी करवाओ। वहां से पीजीआई-लखनऊ रेफर किया गया। यहां सीवीटीएस (कार्डियोवैस्कुलर ऐंड थोरेसिक) विभाग में डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए वर्ष 2020 की तारीख दी है। कानपुर से आई ममता गुप्ता की आठ साल की बेटी के दिल के वॉल्व में छेद है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सर्जरी दो महीने के भीतर हो जानी चाहिए, लेकिन उन्हें भी पीजीआई में सीवीटीएस विभाग ने 2020 की सर्जरी की डेट दी है। अब तो यहां 2021 की डेट दी जा रही है। हरदोई के प्रियांक मिश्रा का वॉल्व लीक करता है। लोहिया संस्थान में उनकी सर्जरी के लिए नवंबर, 2018 की तारीख तय की गई है। वहीं, केजीएमयू के सीवीटीएस विभाग में सर्जरी के लिए अब दिसंबर 2019 की तारीख मिल रही है।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...