‘पनीर के फूल’ में छि‍पा है सेहत का राज…

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हेल्थ डेस्क– डाइबिटीज भी उन कई बीमारियों में से एक है जिसमें आपके शरीर के अदंर कई मैटाबॉलिक डिसऑर्डर उत्पन्न हो जाते हैं और ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है. डायबिटीज के मरीज को अपने खाने-पीने की आदतों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा जाता है. 

जिससे इसे खत्म ना सही कम से कम काबू में तो रखा ही जा सके. स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके लिए कई तरह के प्राकृतिक उपाय सुझाते हैं जिनमें से एक है पनीर का फूल जिसे पनीर डोडा और और इंडियन रेनेट भी कहा जाता है. पनीर के फूल भारत, पाकिस्तान और अफ़गनिस्तान की धरती की ही पैदाइश है. इसे इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और ये डाइबिटीज से लड़ने में बेहद मददगार साबित होते हैं. 

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पनीर का फूल सोलानसेआए परिवार का एक फूल है जोकि मुख्यतः भारत में पाए जाते हैं, और कई आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है. ये खाने में मीठा होता है और इसमें शामक और मूत्रवर्धक गुण होते हैं. इसके अलावा ये अनिंद्रा, घबराहट, अस्थमा और डाइबिटीज से लड़ने में सहायक होता है.

ये फूल इंसुलिन के बेहतर उपयोग के लिए पेनक्रियाज(अग्न्याशय) के बीटा सेल को हील करने का काम करता है. अगर कम मात्रा में ही सही पर इसे रोज लिया जाए तो ये ब्लड शुगर का लेवल बखूबी संतुलित रख सकता है. हालांकि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी एक आहार डाइबिटीज के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं है. इसके लिए आपको बिस्किट, कुकी, ब्रैड और अन्य प्रोसेस्ड फूड्स से किनारा करना होगा.

इसका उपयोग आसान है. 7 से 10 पनीर के फूलों को पूरी रात पानी में डाल कर छोड़ दें. फिर सुबह खाली पेट उस पानी को पी जाएं. संतुलित आहार और पनीर के फूल की मदद से हम निश्चित तौर पर इंसुलिन लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं.

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