पंचकूला सीबीआई विशेष का फैसला, रणजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम दोषी करार

डेरा प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह का मर्डर 10 जुलाई 2002 को हुआ था।

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डेरा प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह का मर्डर 10 जुलाई 2002 को हुआ था। रणजीत के हत्या के केस में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत पांच लोगों को दोषी ठहराया है। सजा का ऐलान 12 अक्तूबर को किया जायेगा।

रणजीत हत्याकांड मामले में शुक्रवार को डेरा प्रमुख राम रहीम समेत पांच आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है। आरोपी डेरा प्रमुख राम रहीम और कृष्ण कुमार शुक्रवार को रणजीत हत्या मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। वहीं बाकि के आरोपी प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए। आपको बता दें सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की मौजूदगी में अदालत में करीब ढाई घंटे बहस चली उसके बाद रणजीत हत्याकांड में शामिल आरोपियों को दोषी करार दिया गया।

3 दिसंबर 2003 को दर्ज हुआ मुकदमा:

3 दिसंबर 2003 को रणजीत सिंह मर्डर के मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने 2003 में सीबीआई जांच की मांग की थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए मुकदमा दर्ज किया था। वहीं पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालय ने पंचकूला की सीबीआई अदालत से राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के मुकदमे को किसी अन्य सीबीआई अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी। लेकिन सीबीआई अदालत ने मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया था।

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बलात्कार के मामले में हुई है सजा:

गुरमीत राम रहीम ने अपनी दो महिला शिष्यों के साथ आश्रम में ही बलात्कार किया था। जिसके आरोप में राम रहीम 20 साल की सजा काट रहा है। उन्हें पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत ने 17 अगस्त 2017 में दोषी ठहराया था।

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