पंचायत ने सुनाया तुलगकी फरमान, बंद किया हुक्का-पानी
आगरा- जिला के अछनेरा के गांव कचौरा में एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया। उसका जुर्म यह है कि उसने अपने घर पर गोली चलाने वाले की सूचना पुलिस को नहीं दी। मामला रफा-दफा करने की कोशिश की।
पंचायत ने परिवार की इस हरकत को कायरना माना, जिससे एक व्यक्ति की जान चली गई। पंचों ने हुक्म दिया है कि मोरध्वज ने जिस युवक की हत्या की है। उसके परिवार को शिव सिंह आठ लाख रुपये जुर्माना के रूप में दें।
कचौरा गांव के पंचमुखी महादेव मंदिर में मंगलवार सुबह हुई 12 गांवों की पंचायत में गांव के शिव सिंह और उसके परिवार का हुक्का पानी बंद करने का फरमान सुना दिया गया। आरोप है कि 14 अगस्त को सिरफिरे युवक मोरध्वज ने जब शिव सिंह के घर पर गोली चलाई, तब उसने पुलिस को सूचना नहीं दी। इसी कारण से मोरध्वज ने बाद में बंटू नाम के युवक की हत्या की। पंचों का यह भी हुक्म है कि शिव सिंह आठ लाख रुपया बतौर जुर्माना बंटू के परिवार को दे।
दरअसल 14 अगस्त की सुबह शिव सिंह के घर के चूल्हे से निकला धुआं मोरध्वज के घर में पहुंच रहा था। इतनी सी बात पर मोरध्वज ने शिव सिंह के घर पर गोली चला दी थी। इसी दौरान वहां से गुजर रहे बंटू को गोली लगी थी। जिससे उसकी मौत हो गई थी। मोरध्वज को पकड़ लिया गया था। उसके भाई बलवीर, अमर सिंह और पिता कोमल फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी न होने के मुद्दे पर ही 12 गांवों की पंचायत बुलाई गई थी। पंचों ने शिव सिंह को दोषी बताकर फरमान सुनाया कि वह बंटू के परिवार को आठ लाख रुपये दे।
वह पंचायत के बीच बहाना बनाकर उठा और परिवार सहित घर पर ताला लगाकर चला गया। इसका पता चलने पर पंच भड़क गए। उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद करने का फरमान सुना दिया। एसपी पश्चिम अखिलेश नारायण का कहना है कि कचौरा गांव में हुई पंचायत की जानकारी मिली है। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पंचायत की अध्यक्षता गोवर्धन सिंह कचोरा ने की, संचालन चौधरी गुलाब सिंह ने किया। पंचायत में कुमरजीत पूर्व प्रधान, ओमप्रकाश पूर्व प्रधान, लाखन सिंह प्रधान मई, समुंद्र सिंह, धारा सिंह इंदौलिया, बच्चू सिंह, सुरेंद्र सिंह, केदार सिंह, गंगा सिंह, पूरन सिंह बघेल, बदनसिंह, माखन सिंह, पोहप सिंह आदि उपस्थित रहे।
पानी तक नही दिया जाएगा
पंचों ने कहा कि शिवसिंह और उसके परिवार को गांव के कुएं, हैंडपंप आदि से पानी भरने नहीं दिया जाएगा। उसके परिवार से बातचीत नहीं की जाएगी। निर्णय तोड़ने वाले ग्रामीण पर एक लाख रुपये जुर्माना लगेगा।