खुशहाल देशों की लिस्ट में पाकिस्तान व नेपाल भारत से आगे…

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इंटरनेेशनल डेस्क–  बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में सबसे खुश देशों की सूची में भारत 133वें स्थान पर है। इस मामले में भारत, आतंकवादियों की शरणस्थली पाकिस्तान और बेहद गरीब देश नेपाल से भी पीछे है। पिछले साल की तुलना में इस सूची में भारत 11 स्थान नीचे खिसक गया है।

पिछले साल भारत का स्थान 122वां था। अफगानिस्तान को छोड़कर बाकी सभी सार्क देशों की तुलना में भारत इस मामले में पीछे है। अफगानिस्तान इस मामले 145वें स्थान पर है।

खुशहाली में ये देश भी भारत से आगे

आठ सार्क देशों में पाकिस्तान सबसे ऊपर 75वें स्थान पर है। इस सूची में नेपाल का स्थान 101वां, भूटान का 97वां, बांग्लादेश का 115वां व श्रीलंका का 116वां स्थान है। चीन का इस सूची में 86वां स्थान रहा। यूनाइटेड नेशंस सस्टेनबल डेवलेपमेंट सोल्यूशन नेटवर्क (एसडीएसएन) की 2018 की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में 156 देशों की सूची बनाई गई है जिसमें प्रति व्यक्ति जीडीपी, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, सामाजिक स्वतंत्रता, उदारता व भ्रष्टाचार की अनुपस्थिति आदि के आधार पर देशों में प्रसन्नता का अनुमान लगाया गया।

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वार्षिक सर्वेक्षण में पाया गया कि फिनलैंड सबसे खुशहाल देश है। फिनलैंड ने कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण देश में प्रकृति से लोगों का जुड़ाव, सुरक्षा, चाइल्डकेयर, अच्छे स्कूल और नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा आदि ऐसी चीज़े रहीं जिसके कारण देश में लोग प्रसन्न हैं। दूसरी ओर, अमेरिका के लोग दिन-ब-दिन अमीर हो रहे हैं इसके बावजूद वो कम खुश हैं।

ये है सबसे खुशहाल देश

फिनलैंड पिछले साल 5वें स्थान पर था। लेकिन इस साल उसने नॉर्वे को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान ले लिया। इस साल के टॉप-10 देशों में भी नॉर्डिक देशों का दबदबा रहा. टॉप-10 देशों में फिनलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया रहे। अमेरिका का स्थान 18वां रहा। पिछले साल वो 14 वें स्थान पर था। ब्रिटेन का स्थान 19वां और यूनाइटेड अरब अमीरात का 20 वां स्थान रहा।

सबसे दुखी देश

यूएन सस्टेबल डेवलेपमेंट सल्यूशन नेटवर्क की वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में सबसे दुखी देश बुरुंडी है। जो 156वें नंबर पर है। इससे पहले तंजानिया(153), साउथ सूडान(154), सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक है। इस मामले में निचले पायदान पर सीरिया भी है जहां पर पिछले सात सालों से गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।

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