‘पैडमैन’ फिल्म रिव्यू:अक्षय की दमदार एक्टिंग ने फिर जीता दर्शकों का दिल
मनोरंजन डेस्क— लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ बॉक्सऑफिस पर रिलीज हो गई. फिल्म मूल रूप से तमिलनाडु निवासी पद्मश्री अरुणाचलम मुरुगनाथन के जीवन से प्रेरित है मगर उसे सिनेमाई स्वतंत्रता के साथ बनाया गया है.डायरेक्टर आर. बल्कि ने महिलाओं की ‘उन दिनों’ की समस्याओं को बखूबी पर्दे पर उतारते हुए समाजिक ताने-बाने पर जोरदार तमाचा जड़ा है.
बता दें कि ट्विंकल खन्ना के प्रोड्शन में बनी पहली फिल्म ‘पैडमैन’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. यह फिल्म महिलाओं के पीरियड्स और उससे जुड़ी समस्याओं पर आधारित है. फिल्म में काफी अहम विषय को उठाया गया है और यह फिल्म पीरियड्स से जुड़े कई तरह के मिथकों पर सवाल उठाती है.
ये कहानी लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) की नई-नई शादी होती है और उसकी पत्नी है गायत्री (राधिका आप्टे). शादी के बाद लक्ष्मीकांत को यह समझ ही नहीं आता कि आखिर उसकी पत्नी को क्यों हर महीने 5 दिनों के लिए घर के बाहर सोना पड़ता है. जब इन दोनों के बीच महावारी को लेकर बात होती है, दोनों के लिए ही स्थिति थोड़ी असहज हो जाती है.
लक्ष्मीकांत को पता चलता है कि माहवारी के दौरान उसकी पत्नी न केवल गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती है. उसे जब डॉक्टर से पता चलता है कि उन दिनों में महिलाएं गंदे कपड़े, राख, छाल आदि का इस्तेमाल करके कई जानलेवा और खतरनाक रोगों को दावत देती हैं तो वह खुद सैनिटरी पैड बनाने की कोशिश में लग जाता है. पूरी फिल्म में लक्ष्मीकांत अपनी पत्नी और गांव की महिलाओं को यह समझाने की कोशिश करता है कि सेनेट्री पैड का इस्तेमाल करना गलत नहीं है.
निर्देशक आर. बाल्की और अक्षय कुमार की यह फिल्म यूं तो बेहद गंभीर विषय पर बनी है, लेकिन फिल्म में कहीं भी दर्शकों को ज्ञान की घुट्टी पिलाने की कोशिश नहीं की गई है. फिल्म में इस पूरे विषय को काफी हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाया गया है. खासतौर पर महावारी पर बात करने वाले सीन्स को काफी संवेदनशीलता से लिखा गया है, ताकी सिनेमाघर में बैठे दर्शक कहीं भी असहज न हों. ‘पैडमैन’ की ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ से काफी तुलना की जा रही थी. लेकिन आपको बता दें कि यह दोनों बिलकुल अलग फिल्में हैं. अक्षय ने इस फिल्म में लक्ष्मीकांत का किरदार निभाने में पूरी इमानदारी बरती है.
अक्षय के अलावा उनकी पत्नी के किरदार में नजर आईं एक्ट्रेस राधिका आप्टे गायत्री के किरदार में तारीफ के सटीक नजर आई हैं. अपने चलने से लेकर महावारी के दौरान महिलाओं द्वारा महसूस की जाने वाली शर्म तक, हर भाव को राधिका ने शानदार तरीके से निभाया है. इस फिल्म की कुछ कमियों की बात करें तो क्लाइमेक्स थोड़ा खिंचा सा लगता है. पैडमैन की तारीफ इस बात के लिए भी की जानी चाहिए कि यह फिल्म इतने गंभीर विषय पर काफी सादगी के साथ बनायी गई है.वहीं अक्षय की दमदार एक्टिंग ने एक बार दर्शकों का दिल जीत लिया.