धान खरीद का हाल: 30 करोड़ रुपये के लिए मिन्नते कर रहे हजारों अन्नदाता
तकरीबन 3000 किसानों का 30 करोड़ रुपये दबाए बैठी एजेंसियां,दर-दर भटकने को मजबूर अन्नदाता
अम्बेडकरनगर — किसानों की फसलों के खरीद और उचित मूल्य के लिए सरकार ने क्रय केंद्र बनाए हैं। किसानों की फसलों को खरीद कर 3 दिन के अंदर फसलों की कीमत किसानों को अदा करने का प्रावधान बनाया था , जिससे किसान अपनी फसल सरकार को बेच कर दूसरी फसल की तैयारी करता है। पर यहां तो किसानों के धान का 30 करोड़ रुपये बाकी है। किसान अपने बेचे गए धान के पैसे के लिए दर दर भटक रहे हैं। ये ही नहीं यहां तक की किसानों के धान खरीद को पैसे और संसाधन की कमी दिखा कर बंद कर दिया है। किसान अपना धान लेकर सेंटर सेंटर भटक रहे है।
किसानों को अन्नदाता कहा जाता है लेकिन इन अन्नदाताओं की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। पहले धान बेचने के लिए पापड़ बेलने पड़े और किसी तरह से धान बेंच भी दिया तो अब भुगतान के लाले पड़ गए हैं ।
यूपी के अम्बेडकरनगर जिले में धान खरीद कर रही कई एजेंसियों ने किसानों का तकरीबन 30 करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। किसान भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अधिकारी तकनीक व नियम का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार ने इन क्रय एजेंसियों से धनराशि वापस ले ली है। अब किसानों को भुगतान के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जिले में 1 नवंबर से धान खरीद शुरू हुई थी लेकिन औपचारिक रूप से खरीद 15 नवंबर के बाद से ही शुरू हुई इसके लिए 6 एजेंसियों के कुल 95वे क्रय केंद्र बनाए गए थे।सरकारी आंकड़ों में लंबी चौड़ी खरीद दिखा दी गई । लेकिन वास्तविक किसान इससे महरूम रह गए जो किसान किसी तरह से अपना धान बेच लिए भुगतान के लिए भटक रहा है।
तकरीबन 3000 किसानों का 30 करोड़ रुपये बकाया
पीसी एफ यूपीएस और नकाब बड़े बकायेदारों में शामिल हैं किसान ओमप्रकाश राजा का कहना है कि 1 महीने तकरिबन धान बेचे हो गया मैसेज भी आ गया लेकिन भुगतान नहीं मिल रहा है। वहीं किसानों का कहना है कि बेचे गए धान के पैसे से हम दूसरी फसल की तैयारी करते है।अब हम कैसे अपने खेतों में खाद कहाँ से डालेंगे।
बता दें कि जिले में तकरीबन 3000 किसानों का 30 करोड़ बकाया है , जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजीत कुमार सिंह का कहना है कि जिले में कुल 30 करोड़ बकाया है।सरकार ने भुगतान के नियमों में कुछ बदलाव किया है जिसके लिए क्रय एजेंसियों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सरकार ने क्रय एजेंसियों को दी गई धनराशि वापस ले ली है इससे भुगतान में कुछ विलंब हो रहा है।
(रिपोेर्ट-कार्तिकेय द्यविवेदी,अम्बेडकरनगर)