उड़ीसा हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की लिखावट पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से एक सर्कुलर जारी करने को कहा है जिसमें डॉक्टरों को पढ़े जा सकने वाले, बड़े अक्षरों में नुस्खा लिखने का निर्देश दिया जाए।
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हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मेडिकल रिकॉर्ड कानूनी पहलू पर भी गलत असर डालते हैं।हाई कोर्ट ने कहा, ‘प्रफेशनल और मेडिको-लीगल दोनों ही मामलों में डॉक्टर अपनी रिपोर्ट और प्रिस्क्रिप्शन पढ़ने लायक लिखा करें। इसके लिए उनमें जागरूकता लाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।’ हाई कोर्ट ने कहा कि यह जरूरी है कि डॉक्टर कम्युनिटी खुद आगे बढ़कर नुस्खे को अच्छी लिखावट में लिखने की कोशिश करे।
मेडिकल डॉक्युमेंट पढ़ने में हुई थी हाई कोर्ट को दिक्कत-
न्यायमूर्ति एस के पाणिग्रही ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने इसी हफ्ते गिरफ्तार एक व्यक्ति को अपनी बीमार पत्नी के साथ रहने के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दे दी जिसका इलाज ब्रह्मपुर के एमकेसीजी अस्पताल में चल रहा है।