NGT ने नदियों और अवैध खनन पर संयुक्त जांच कमेटी गठित कर एक माह में मांगी रिपोर्ट
सोनभद्र — भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में जिले में विभिन्न क्षेत्रों में जारी किए गए बालू खनन पट्टे तथा पत्थर खनन हेतु पहाड़ियों के पट्टो के साथ ही
अवैध स्टोन क्रशर प्लांटो को बंद करने उनसे हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने तथा अब तक प्रदूषण के कारण हुई क्षति की भरपाई कराने के लिये दाखिल किया था।एनजीटी में दाखिल दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कमेटी गठित करके वास्तविकता एवं अब तक कि की गई कार्रवाई से एक माह के अंदर अवगत कराने हेतु आदेशित किया है।
वही याचिकाकर्ता चौधरी यशवंत सिंह ने बताया कि एनजीटी में दो याचिकाएं दाखिल किया है एक क्रेशर का सुकृत से लेकर बिल्ली मारकुंडी तक लगभग 140 क्रेशर प्लांट अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं वह तीन से 5 लाख लेकर चलाए जा रहे हैं। जो सन 2000 के बाद लगे हुए हैं और यहां पर नदियों में जो बालू का खनन किया जा रहा है वह भी नियम कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है। सोन नदी पर पुल बना दिया गया है और जिला प्रशासन कहता है कि पुल नहीं बना है।
जंगलों,पहाड़ो वनों को काट कर के नदियों में अवैध खनन किया जा रहा है। जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहे अवैध खनन चाहे वह नदी की बीच धारा बांध कर किया जा रहा हो या फिर वन भूमि की पहाड़ो को तोड़ा जा रहा हो इस सब मुद्दों पर एनजीटी पूरी तरह से गम्भीर है।
भारतीय सामाजिक न्याय मोर्चा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में जिले में विभिन्न क्षेत्रों में जारी किए गए बालू खनन पट्टे तथा पत्थर खनन हेतु पहाड़ियों के पट्टो के साथ ही अवैध स्टोन क्रशर प्लांटो को बंद करने उनसे हो रहे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने तथा अब तक प्रदूषण के कारण हुई क्षति की भरपाई कराने के लिये दाखिल किया था। एनजीटी में दाखिल दो अलग अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कमेटी गठित करके वास्तविकता एवं अब तक कि की गई कार्रवाई से एक माह के अंदर अवगत कराने हेतु आदेशित किया है।
(रिपोर्ट-रविदेव पाण्डेय,सोनभद्र)