देश में जीएसटी (GST) की नई दरें अगले सप्ताह के पहले दिन यानी 18 जुलाई से लागू हो जाएंगी। नई दरों के लागू होने के बाद पैकिंग वाली लस्सी, दही और छाछ (बटर मिल्क) जैसी चीजें भी पहली बार जीएसटी के दायरे में आ जाएंगी। इसकी वजह से आम आदमी पर महंगाई का बोझ थोड़ा और बढ़ सकता है। जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में ऐसी कई वस्तुओं को GST के दायरे में लाने का फैसला किया गया है, जिन पर अभी तक कोई टैक्स नहीं लगता था।
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वहीं कई चीजों पर GST की दर कम भी की गई है, जिसका फायदा आम लोगों को मिल सकेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गए फैसले के मुताबिक 18 जुलाई से टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और छाछ पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी की वसूली की जाएगी। अभी तक ये चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर थीं। इसी तरह अस्पतालों में नन आईसीयू कमरों के मामले में 5 हजार रुपये से अधिक किराए वाले कमरों के लिए 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकाने की बाध्यता हो जाएगी। काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार होटल के कमरों के किराए के मामले में भी जीएसटी के दायरे को बढ़ाया गया है।
अब 18 जुलाई से 1000 रुपये से कम किराए वाले होटल के कमरों पर भी 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी की वसूली की जाएगी। अभी तक 1000 रुपये से कम किराए वाले होटल के कमरों पर जीएसटी देने की जरूरत नहीं पड़ती थी। इसके अलावा बैंक से नया चेक बुक इश्यू कराने पर उसके लिए बैंक द्वारा वसूल किए जाने वाले चार्ज पर भी 18 जुलाई से 18 प्रतिशत जीएसटी ली जाएगी। इसी तरह एटलस और मैप को भी जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक 12 प्रतिशत टैक्स के दायरे में लिया गया है। दूसरी ओर एलईडी लैंप और एलईडी लाइट्स पर लगने वाले जीएसटी के स्लैब को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं कांटे वाले चम्मच, स्कीमर्स, सामान्य चम्मच, ब्लेड, पेपर कटर, कैची, पेंसिल और शार्पनर पर लगने वाले जीएसटी के दायरे को भी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में जहां कुछ चीजों को जीएसटी के दायरे में लाया गया है और कुछ चीजों में जीएसटी के दर में बढ़ोतरी की गई है, वहीं कुछ चीजों में जीएसटी की दर में कटौती भी की गई है। इन चीजों पर 18 जुलाई के बाद से घटी हुई दर पर ही जीएसटी की वसूली की जाएगी। जिन चीजों के जीएसटी स्लैब में कमी की गई है, उनमें फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, इंट्राऑक्यूलर लेंस, बॉडी इंप्लांट्स और स्प्लिंट्स जैसी चीजें शामिल हैं, जिन पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत के स्लैब में ले आया गया है।
इसी तरह सुरक्षा बल के लिए आयात की जाने वाली कुछ खास वस्तुओं को पूरी तरह से आईजीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक ईंधन की लागत को शामिल करके किराए की गणना करने वाले ऑपरेटर्स को माल ढुलाई के किराए में राहत दी गई है। 18 जुलाई से इन ऑपरेटर्स को किराए पर 18 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसके अलावा रोप-वे के जरिए मुसाफिरों या सामानों को लेकर आने जाने के किराए पर भी जीएसटी की दर 18 प्रतिशत घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। जाहिर है कि अगले सप्ताह से जहां आम लोगों को कुछ चीजों के लिए जीएसटी के दायरे में हुई बढ़ोतरी की वजह से अधिक कीमत चुकानी होगी, वहीं कुछ चीजों की जीएसटी दर में हुई कमी से उन्हें राहत भी मिल सकेगी।
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