लखनऊः ट्रैफिक कर्मियों को चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए नयी पहल
लखनऊ–वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ कलानिधि नैथानी ने ट्रैफिक कर्मियों को चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए एक नई पहल की सोमवार को टेस्टिंग की है। अगर ये ट्रॉयल सफल रहा और फीडबैक अच्छा मिला तो जल्द ही लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस नए रूप में दिखाई देगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ कलानिधि नैथानी ने ट्रैफिक कर्मियों को चिलचिलाती धूप से बचाने के लिए एक नई पहल की सोमवार को टेस्टिंग की है। अगर ये ट्रॉयल सफल रहा और फीडबैक अच्छा मिला तो जल्द ही लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस नए रूप में दिख सकती है। एसएसपी ने बेंगलुरु की तर्ज पर ट्रैफिक पुलिस के लिए उच्चाधिकारियों से हैट (गोल टोपी) का निवेदन किया था। इसके लिए कुछ हैट्स बेंगलुरु से मंगाई गयी हैं। एसएसपी ने इसका ट्रायल हज़रतगंज चौराहे पर 4-5 सिपाही को ये टोपी पहनाकर किया। इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक यातायात ट्रैफिक पुर्णेन्दु भी मौजूद रहे। अब देखना ये होगा कि ये हैट पास होगी या फेल पर इतना जरूर है कि इससे ट्रैफिक पुलिस के लुक्स स्मार्ट हो जायेंगे।
एसएसपी ने कहा कि एक तरह से कल्याण के लिए और ट्रैफिक कर्मियों की सुविधा के लिए गोल टोपी बांटकर हमलोगों ने इसका ट्रॉयल किया है। ये टोपी चौराहे पर तैनात एक-एक पुलिसकर्मी को 3-3 घंटे पहनाई जाये। एसएसपी ने कहा की जिन ट्रैफिककर्मियों को ये टोपी दी गई है उनसे फीडबैक लिया जायेगा कि क्या इस हैट से उनको सहूलियत मिल रही है। इसको हम लोग फंक्शनालिटी के तौर पर ज्यादा देखेंगे कि अगर इससे सहूलियत ज्यादा मिलती है और फीडबैक अच्छा मिलता है तो उसके बाद उच्चअधिकारियों से परामर्श लेकर इसको लागू किया जा सकता है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि स्पेशली गर्मियों में अप्रैल, मई और जून के महीने में प्रचंड गर्मी होती है। इन महिनों में चौराहों पर तापमान बहुत ज्यादा हो जाता है। एसएसपी ने बताया कि जिन चौराहों और तिराहों पर आईलैंड होते हैं वहां कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन जहां आईलैंड नहीं होते हैं वहां ट्रैफिक कर्मियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि गर्मी में ट्रैफिककर्मियों की कार्यकुशलता में गिरावट आने लगती है।