नेशनल महिला खिलाड़ी से देह व्यापार कराने की कोशिश

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मेरठ — बेटी के लिए मां से अच्छी शिक्षक कोई नहीं हो सकता और मां से अच्छी परवरिश कोई नहीं कर सकता यह बात उस समय सिर्फ झूठी कहावत होती दिखी जब मेरठ में एक कलयुगी मां ने अपनी नेशनल खिलाड़ी बेटी को देह व्यापार के काले धंधे में धकेलने की कोशिश की।

जी हां यह हम नहीं कह रहे यह कह रही है वही बेटी जो अपने मां के इरादों पर पानी फेर कर थाने आ पहुंची। थाने पहुंचकर बेटी ने अपनी मां और अपने भाइयों के खिलाफ थाने में तहरीर दे दी जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मां और भाइयों को गिरफ्तार कर लिया और पीड़ित खिलाड़ी का मेडिकल प्रशिक्षण के लिए भेज दिया।

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बता दें कि मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट इलाके की रहने वाली यह युवती ताइक्वांडो की नेशनल खिलाड़ी है। जो सिल्वर मेडल से लेकर गोल्ड मेडल तक ला चुकी है। इस महिला खिलाड़ी का आरोप है कि उसकी मां देह व्यापार करती है और लोगों के साथ अश्लील वीडियो बनाने के बाद उनको ब्लैकमेल भी करती है। अब मां अपनी इस बेटी को भी उसी काले धंधे में धकेलना चाहती है लेकिन बेटी ने मना कर दिया तो उसको पीटा गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई। रिश्तो को शर्मसार कर देने वाली बात तो तब हुई जब सगे भाई ने ही उसके साथ रेप करने का प्रयास किया ।

पीड़ित महिला खिलाड़ी किसी तरह अपने भाई के चुंगल से बच के भागी और एक समाज सेवी संस्था से जा मिली जिसके बाद पीड़िता को थाने ले जाकर उसके भाई और उसकी मां के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई । हैरानी की बात तो यह है कि आरोपी मां अपने ही मुंह से अपने ही काले धंधे की पोल खोलती नजर आई। जब हमारे रिपोर्ट ने उससे बात की तो यह महिला बोल रही है कि उसकी एक व्यक्ति के साथ वीडियो बनाई गई है । जिसके बाद वह व्यक्ति अब उससे शादी करने को भी तैयार हो गया , जबकि पीड़ित महिला खिलाड़ी यानी इस महिला की बेटी का कहना है कि यह महिला इसी तरह लोगों के साथ अश्लील वीडियो बनाती है और उसको ब्लैकमेल करके उससे मोटी रकम ऐंठती है।

हालांकि थाना लिसाड़ी गेट पुलिस इस मामले को पारिवारिक मामला बताकर दबाने में लगी रही और जब मीडिया ने पीड़ित महिला खिलाड़ी से बातचीत करने की कोशिश की तो मीडिया से भी पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी गई ।

लेकिन महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली मेरठ पुलिस कितने संवेदनशील है ये आप खुद हमारे कैमरे में कैद हुई एक्सक्लूसिव तस्वीरों में देख सकते हैं। जब महिला खिलाड़ी को मेडिकल परीक्षण के लिए थाने से 3 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल ले जाया गया तो मात्र एक महिला सिपाही को ही उसके साथ भेजा गया वह भी ई रिक्शा में। महिला खिलाड़ी ने अपनी जान को खतरा भी बताया इसके बावजूद महिला सिपाही बड़े इत्मीनान से पीड़िता को अकेले छोड़ रास्ते में ही चाय की दुकान पर रुक कर चाय वाले से बातचीत करती दिखाई दी।

 तो कहीं ना कहीं पुलिस की लापरवाही का चेहरा लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है। अगर पुलिस की लापरवाही की वजह से महिला खिलाड़ी के साथ कोई अनहोनी हो जाती तो उसका जिम्मा कौन अपने सिर लेता। लेकिन अब देखना होगा कि आखिर क्या पुलिस के बड़े अधिकारी ऐसे लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करते हैं या नहीं ?

(रिपोर्ट-प्रदीप शर्मा,मेरठ)

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