चमड़ा उद्योग नगरी की टेनरियों पर लगी पाबंदी, टेनरी मालिकों में मचा हड़कंप

0 49

कानपुर–चमड़ा उद्योग के नाम से जाना जाने वाला यूपी का कानपुर पूरे विश्व में प्रसिद्द है । यहां से लेदर के उत्पाद बनकर देश विदेश में एक्सपोर्ट किये जाते है, लेकिन अब इस चमड़ा उद्योग में गहरा संकट आने वाला है ।

इलाहबाद में होने वाले महाकुंभ को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते दिनों कानपुर स्थित जाजमऊ की सभी छोटी बड़ी टेनरियों को 3 महीने बन्द का ऐलान किया है। साथ ही इस मामले में प्रमुख सचिव ने सीएम के आदेश का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए है। कि 15 दिसम्बर से 15 मार्च तक शहर की सभी टेनरियां बंद कर दी जाएगी।  वही सरकार के इस फैसले के बाद टेनरी संचालको में हड़कम्प मच गया है।

जहां बीते दिनों टेनरी एसोसिएशन के पदाधिकारियो ने सीएम से मिलकर इसमें राहत देने की मांग की थी लेकिन उनकी बात सफल साबित नही हुई। सरकार के इस फैसले के बाद  टेनरी मालिकों का कहना है.की नोट बंदी से पहले ही देश का चमड़ा व्यवसाय ठंडा पड़ा है। पकिस्तान और बँगलादेश के व्यापारी हिन्दुस्तान के ऑर्डर को कब्जा कर चुके है । ऐसे में अगर फिर तीन महीने के लिए टेनरियों को बंद रखना पड़ा तो हमारी टेनरियां ही बंद हो जाएँगी हजारो मजदुर बेकार हो जायेंगे। 

Related News
1 of 1,456

आपको बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयाग कुम्भ 2019 के मद्देनजर पतित पावनी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए टेनरियों को 3 महीने बन्द करने के निर्देश दिए है कुम्भ में साधु सन्तों और श्रद्धालुओं के शाही स्नान को देखते हुए जिससे गंगा दूषित न हो उसकी निर्मलता बनी रहे और वह सभी स्वच्छ निर्मल गंगा में स्नान के पात्र बन सके। जिसको लेकर सरकार ने अपने तेवर कड़े करते हुए टेनरी मालिको को कड़े निर्देश दिए है कि 3 महीने टेनरियाँ बन्द की जाएं।

टेनरी संचलको की माने तो कई बार गंगा में प्रदूषण को लेकर हमेशा से टेनरियों को इसके लिए दोषी ठहराया जाता रहा है कि टेनरियों का दूषित पानी गंगा में जाता है जबकि हकीकत कुछ और ही है जो दूषित पानी टेनरियों से निकलता है उसे ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है जिसका संचालन जल निगम द्वारा होता है।

स्मॉल ट्रेनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हफीजुर रहमान ने बताया कि कानपुर के जाजमऊ में कुल करीब 400 टेनरियां थीं वर्तमान में 368 टेनरियां चल रही है जबकि कुछ टेनरियो को प्रदूषण बोर्ड ने प्रदूषण के चलते बन्द कर दिया है अगर सरकार द्वारा 3 महीने की बन्दी होती है तो इससे छोटी बड़ी तमाम टेनरियों के ऊपर भारी संकट आ जायेगा जिसमें लगभग लाखो लोग के सामने जीवन यापन करने के लिए समस्या पैदा हो जाएगी। इस कारण टेनरी मालिको के सामने भी बड़ी दिक्कते आ जाएंगी। जैसे अगर टेनरियां बन्द होती है तो टेनरी संचालको के सामने बिजली का बिल जैसी समस्या पैदा होंगी वही जो टेनरी मालिको ने बैंकों से कर्ज ले रखा है उनकी क़िस्त चुकाने में समस्या पैदा होगी इसके साथ ही अगर टेनरियां बन्द होती है तो काम रहे मजदूर वापस चले जायेंगे जिससे उन्हें दोबारा बुलाने पर बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

(रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा, कानपुर)

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...