मोदी सरकार के खिलाफ नहीं पेश हो सका अविश्वास प्रस्ताव, लोकसभा स्थगित

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न्यूज डेस्क — तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) सांसदों के भारी शोर-शराबे के चलते लोकसभा को मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हंगामे के चलते अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकारने से मना कर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद सत्र शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया था। जब तक हंगामा शांत नहीं होता तब तक चर्चा कैसे हो सकती है। इससे पहले टीडीपी के सांसद लोकसभा की बेल में आकर ‘WE want Justics’ के नारे लगाने लगे।

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वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार (19 मार्च) को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में सोमवार को भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक उच्च सदन में एक भी दिन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाए हैं और न ही कोई कामकाज हो पाया है।सिर्फ आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर करीब एक घंटे तक महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा हुई थी। सोमवार को उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करते हुए मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी का नाम पुकारा।

गौरतलब है कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर एनडीए से अलग हुई टीडीपी के लोकसभा में 16 सांसद हैं जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 9 सांसद हैं।

आपको बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में बैंकिंग धोखाधड़ी और आंध्र प्रदेश को विशेष आर्थिक दर्जा दिलाने की मांग जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 11 दिनों से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। हालांकि सरकार सदन में बजट के अलावा कुछ और विधेयकों को पारित करवाने में कामयाब रही है।

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