इस जिले की करीब दो हज़ार से अधिक बहनें रक्षाबंधन पर भाईयों को नहीं बाँध पाएगीं राखी..
फर्रुखाबाद–भाई बहन का त्यौहार एक साल बाद आया है पर फर्रुखाबाद में दो हज़ार से अधिक ऐसी बहने हैं जो अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधने नहीं जा पाएंगी. यह मजबूरी ही ऐसी है कि क्योंकि गावों के खेतों और रास्तों पर बाढ़ का पानी भरा है.
सड़के कई जगह पर कट गयी हैं. गंगा और राम गंगा उफनाए चली जा रही हैं और बाढ़ की हालत और बिगड़ सकती है. इसलिए इस बार बाढ़ ने रक्षा बंधन के त्यौहार का मजा किरकिरा कर दिया है. बहने भाई से मोबाइल पर बात करती हैं तो उनकी आँखे भर आती हैं.फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर 137.00 मीटर पर पहुंच गया है. नरौरा बांध से गंगा में 113638 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. रामगंगा का जलस्तर 135.80 मीटर पर पहुंच गया है.
रक्षा बंधन के पावन त्यौहार की बहनों को पूरे साल प्रतीक्षा रहती है, लेकिन इस बार बहन और भाई के रास्ते में बाढ़ आ गयी है. गंगा और राम गंगा के जल स्तर में निरतंर वृद्धि से फर्रुखाबाद के दो दर्जन से अधिक गाँव बाढ़ के पानी से भरे पड़े हैं. खेत में खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ ने सब बर्बाद कर दिया है. बाढ़ के नुक्सान से सभी दुखी तो थे ही. ऐसे में ही जब रक्षा बंधन आ गयी तो त्यौहार की खुशियां गायब हैं. बहन को पता है कि घर को इस हालत में छोड़ कर वह भाई के घर नहीं पहुँच पायेगी. मंझा की मड़ैया, सबलपुर , जगत पुर, अर्जुन पुर, राम पुर जोगराज पुर समेत दो दर्जन ऐसे गाँव हैं जिनमे बाढ़ अपना तांडव दिखा रही है.इन गावों की दो हजार से अधिक बहनों के लिए इस साल का रक्षा बंधन आंसू लेकर आया है क्यों कि इस बार वह राखी बाँधने भाई के घर नहीं जा पाएंगी.पूजा रघुवीर और आत्मा राम ने रक्षा बंधन को लेकर कुछ यों ही अफ़सोस का इजहार किया.
बाढ़ वाले इलाके में राखी की दुकानों पर भी सन्नाटा है. दुकानदारों का कहना है कि बाढ़ के कारण बिक्री न के बराबर है. किसान घाटे में है और घरों में पानी भरा होने से बहनों का भाई के घर कलाई पर राखी बाँधने जाना संभव नहीं है.
(रिपोर्ट – दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद )