टूटेगी 600 साल पुरानी परंपरा, इस बार नहीं होगा मेघनाद व कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन
ऐशबाग रामलीला कमेटी पिछले 12 दिनों से ऑनलाइन रामलीला का मंचन कर रही है
कोरोना महामारी पूरे देश जूझ रहा है. कोरोना की वजह से राजधानी लखनऊ के ऐशबाग रामलीला में करीब 600 साल पुरानी परंपरा इस बार टूटेगी. 600 साल के इतिहास में शायद यह पहला मौका था जब बिना दर्शकों के रामलीला हुई और अब बिना दर्शकों के ही रावण दहन होगा.
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ऐशबाग में ऑनलाइन चल रहा रामलीला का मंचन
आपको बतातें चले की ऐशबाग रामलीला कमेटी पिछले 12 दिनों से ऑनलाइन रामलीला का मंचन कर रही है, जिसमें बहुत गिने-चुने लोग ही हिस्सा ले रहे हैं. कोरोना के संक्रमण काल में अब बारी रावण दहन की है.
दरअसल देशभर में कल रावण दहन किया जाएगा. वहीं लखनऊ की ऐशबाग रामलीला में भी शाम 7:30 बजे रावण दहन का कार्यक्रम होगा. लेकिन इस बार कार्यक्रम में महज 200 चुनिंदा लोग ही हिस्सा लेंगे. बाहर से किसी भी व्यक्ति को आने की परमिशन नहीं होगी. जिन्हें निमंत्रण दिया जाएगा उन्हें ही रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत मिलेगी.
कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा पुतला दहन…
रामलीला समिति के सचिव ने बताया कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन इस बार केवल रावण का पुतला दहन किया जाएगा. यानी रावण के साथ जलने वाले मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले नहीं होंगे. मतलब केवल एक रावण के पुतले को ही जलाया जाएगा. कमेटी के सचिव ने बताया कि पिछली बार हम लोगों ने 121 फीट के पुतले जलाए थे, लेकिन इस बार मात्र 71 फीट का पुतला बनाया गया है.
इस बार नहीं होगा कोई भी वीआईपी गेस्ट
वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार कोई भी वीआईपी नहीं होगा. उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ही कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. एक बार पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया गया था और वह आए भी थे. पुतला दहन के दौरान आतिशबाजी ज़रूर होगी पर कोरोना के संक्रमण को देखते हुए ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी. हालांकि, पुतले दहन का कार्यक्रम भी समिति के माध्यम से लाइव प्रसारण किया जाएगा.
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