मेरठः Hospital ने जमातियों का इलाज करने से किया इंकार, केस दर्ज
मेरठ के वैलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल ने दो दिन पूर्व एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया था
मेरठः पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है और इसी दौरान तरह-तरह की खबरें भी आ रही हैं। ऐसी ही खबर मेरठ के एक निजी अस्पताल (Hospital) से आई जहां पर एक विज्ञापन चर्चा का विषय बन गया। इस विज्ञापन के अलग-अलग मायने निकाले गए और आखिर में अस्पताल प्रबंधन को इसे अपनी गलती बता कर पल्ला झाड़ना पड़ा। हालांकि पुलिस ने इस मामले में हॉस्पिटल (Hospital ) प्रबंधक के खिलाफ मुक़द्दमा दर्ज कर लिया है।
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मेरठ के एक अस्पताल को विवादित विज्ञापन देने के बाद खुद ही खंडन करना पड़ा , इस अस्पताल (Hospital ) ने विज्ञापन में एक धर्म के लिए लिखा था कि अस्पताल में इलाज के आने से पहले कोरोना का टेस्ट करा कर लाए , अस्पताल के इस विज्ञापन की जब चारों ओर निंदा होनी शुरू हुई तो अस्पताल प्रशासन को इसका खंडन करने के लिए दोबारा विज्ञापन देना पड़ा । अब अस्पताल प्रशासन का कहना है कि गलती से जो शब्दों का प्रयोग हुआ था उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं । वहीं पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शूरु कर दी है ।
दो दिन पहले लगाया था विज्ञापन
मेरठ के मवाना रोड स्थित वैलेंटिस कैंसर हॉस्पिटल ने दो दिन पूर्व एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया था कि अस्पताल में इलाज कराने से पहले एक विशेष धर्म के लोग पहले कोरोना की जांच करा कर नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाएं , इसके बाद ही उनका इलाज किया जाएगा ।
इस विज्ञापन को छपने के बाद अस्पताल प्रशासन की निंदा की गई, इसके बाद उन्होंने अगले दिन समाचार पत्र में क्षमा प्रार्थी का एक खंडन का विज्ञापन छपवाया अस्पताल के मालिक डॉ अमित जैन का कहना है कि जो शब्दों का प्रयोग किया गया वह गलत था उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं और हमारी मंशा इस तरह की नहीं थी कि किसी विशेष धर्म के लिए उन पर कोई उंगली उठाई जाए।
अस्पताल की जो गाइडलाइन है पहले से बनी आ रही है उन पर ही काम करेंगे और जो गलती से शब्दों का प्रयोग किया गया उसके लिए हम क्षमा मांगते हैं । पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है ।
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(रिपोेर्ट- सागर कुशवाहा, मेरठ)