महाराजा सुहेलदेव स्थल का होगा सौंदर्यीकरण मिलेगा पर्यटन स्थल का दर्जा
बहराइच— जिले के चितौरा इलाके में स्थित महाराजा सुहेलदेव स्थल पर स्थित उनके मंदिर व झील का सुन्दरीकरण करने के साथ ही उनके स्वर्णिम इतिहास को सहेजने के लिए सरकार कटिबद्ध है ।जिससे देश के वीर राजाओं के शौर्य व उनके बलिदान के इतिहास को लोग जान व समझ सके क्योंकि पहले की सरकारें आक्रमणकारियों को सम्मान देती रही है।
लेकिन हम देश के गौरावशाली इतिहास को लोगों तक पहुंचाना चाहते है । ये बांते आज जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर आये प्रदेश के संस्कृत व होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर ने कही ।प्रदेश सरकार में संस्कृत व होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर आज एक दिवसीय दौरे पर बहराइच पहुंचे । उन्होंने इस दौरान चित्तौरा इलाके में स्थित महाराजा सुहेलदेव के मंदिर व झील का दौरा करने के साथ ही नगर में स्थित गुल्लाबीर मंदिर में स्थापित सुहेलदेव की प्रतिमा को नमन किया । इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुये कहा कि प्रदेश के सी एम योगी जी के निर्देश पर आज हम वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव के स्थल का निरीक्षण करने आये है ।
इस स्थल को भव्यता प्रदान कर अपनी संस्कृति व धरोहर के संरक्षण के प्रति भाजपा सरकार पूरी तरह संवेदनशील है । पहले की सरकार के लोग बाहरी आक्रमणकारियों का महिमांडन करते रहे है । जबकि जरूरत इस बात की है ।कि इन्हें परास्त करने वाले देश के वीर राजाओं के इतिहास को लोगों को बताने के साथ ही इन स्थलों का सुन्दरीकरण कर इन्हें भव्यता लोगों को इनकी वीरता के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके इस मौके पर उन्होंने होमगार्डो के वेतन में सौ रुपये की बढ़ोतरी करने की बात कहते हुए उनकी समस्याओं के भी निराकरण की बात कही ।
आपको बता दें कि महाराजा सुहेलदेव को एक वर्ग हिंदू वीर योद्धा के रूप में मानता आ रहा है । और भाजपा काफी समय से महाराजा सुहेलदेव के नाम पर विपक्षी पार्टियों को घेरती रही है । इतना ही नही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पूर्व में नगर में स्थित गुल्लाबीर मंदिर में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण कर इस क्षेत्र में प्रखर राष्ट्रवाद का बिगुल फूंक चुके है । एक बार फिर से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुये महाराजा सुहेलदेव के नाम पर अवध व पूर्वांचल में वोटों के ध्रुवीकरण की जमीन तैयार करने की बात से भी इंकार नही किया ज सकता ।
(रिपोर्ट-अमरेंद्र पाठक,बहराइच)