सरकारी तोते को मोदी के पिंजरे में किया गया पूरी तरह क़ैद 

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*तौसीफ कुरैशी*

लखनऊ — पिछले आमचुनाव में पता नही क्या-क्या मुद्दे लेकर जनता के बीच गई थी जबकि की भाजपा आज की मोदी की भाजपा ठीक उसके उलट काम कर रही है यही नही जिन जाँच एजेंसियों पर हमें गर्व हुआ करता था…

आज उनको भी पंगु बनाने पर तुली है 2014 के चुनाव से पूर्व ऐसा लगता था कि गुज़रात के CM आज के PM देश में फैल रहे भ्रष्टाचार रूपी दीमक को खतम करने का काम करेगे लेकिन स्वयंभू भ्रष्टाचार विरोधी चेहरे नरेन्द्र मोदी का चेहरा भी भ्रष्टाचार की कालिख से पुत चुका है।

मोदी स्वयंभू  भ्रष्टाचार के ख़ात्मे और सबका साथ सबका विकास के नारे को आधार बनाकर सत्ता की दहलीज़ तक पहुँचे थे।मोदी के विकास रूपी किरणें अंबानी-अडाणी जैसे लोगों के आँगन की रखेल बनकर रह गया है रही बात भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लडाई की उसकी भी अब कलाई खुलने लगी है कि कैसे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया जा रहा है अपने चहेते अफ़सर राकेश अास्थाना को बचाने के लिए स्वयंभू भ्रष्टाचार विरोधी का मखौटा लगाए नरेन्द्र मोदी आनन-फ़ानन में CBI के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर जाने का आदेश दे देते है और पहले से ही भ्रष्टाचार के कई आरोपो से घिरे नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम निदेशक नियुक्त कर देते है और तत्काल चार्ज भी करा देते है।

जबकि वह IG रेंज की कैटेगरी में आते है CBI के अब तक के इतिहास में कभी इतना जूनियर अफ़सर उसका निदेशक नही रहा पर शाहेब का पिंजरा है जो इस सरकारी तोते को क़ैद करने में आसानी से बंद हो जाएगा और कोई अफ़सर अपना ज़मीर मारकर इनकी तरह शाहेब के पिंजरे में क़ैद नही हो सके था इस लिए इनके नाम पर मोहर लगाई गई है इसी के साथ CBI में और भी बहुत कुछ बदलाव किए गए है।अरूण शर्मा को जेडी पॉलिसी से हटा दिया है AC ।।। के DIG मनीष सिन्हा को भी खुड्डे लाईन कर दिया गया है।नंबर 2 राकेश आस्थाना और कई अन्य CBI के अफसरो के ख़िलाफ़ कथित माँस निर्यातक मोईन क़ुरैशी से घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की गई है।

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आरोप है कि दिसंबर 2017 व अक्टूबर 2018 में पाँच बार रिश्वत दी गई इसके बाद DSP देवेंन्द्र कुमार को गिरफ़्तार किया गया।स्वयंभू भ्रष्टाचार के विरोधी मोदी एण्ड शाह कंपनी के 1984 बैच के IPS अफ़सर राकेश आस्थाना काफ़ी क़रीबी है।मोदी की तरह पहले पाँच साल बतौर IPS के कार्यकाल में राकेश अस्थाना ने अपनी छवि ईमानदार , मेहनती और सरलता से उपलब्ध होने वाले अफ़सर की बनाई पब्लिक ली इमेज बेहतर बनी रहे साथ ही गुजरात के उधोगपतियों से कुरबत बढ़ानी शुरू की आमतौर पर गुजरात अफ़सर तस्करों व फेंक एनकाउंटर करने में कोई संकोच नही करते थे लेकिन अस्थाना ने अपनी तीसरी ऑंख बड़ी मछलियों पर गड़ाई थी।ऐसा नही है मोदी और अस्थाना के बीच मधुरता पहले से ही थी दरअसल अस्थाना पहले जबकि भाजपा के किंग और आज की मोदी की भाजपा के मार्ग दर्शक मंडली के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी के क़रीबी हुआ करते थे।

90 के दशक में अस्थाना ने CBI के प्रति अपना प्यार प्रकट करते हुए प्रतिनियुक्ति माँगी और 1996 में उन्होंने बिहार के तत्कालीन CM लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में आरोपी बनाते हुए गिरफ़्तार कर जेल भेजा और उसके बाद नागपुरिया आईडियोलोजी ने इस IPS अफ़सर अपनी गोद में ले लिया फिर क्या था कि अस्थाना ने पीछे मूँड़कर नही देखा उसी आईडियोलोजी को अपनी सबकुछ बना लिया 2002 में षड्यंत्र के तहत हुए गुजरात दंगों जिसमें अयोध्या से लौटते कारसेवकों पर गोधरा में S6 में आग लगवा कर दंगा कराया गया था में भी अस्थाना को लगाया गया साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन ट्रेजडी की जाँच को जो SIT बनी उसको लींड यही कर रहे थे।

वह अस्थाना ही थे जिन्होंने पहली बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि आग सोची समझी साज़िश का हिस्सा है जिसके बाद नागपुरिया आईडियोलोजी ने अफ़वाहों को फैलाकर गुजरात जलवाया था और जबके PM स्वं अटल बिहारी वाजपेयी को यह कहने को विवश होना पड़ा था कि राज धर्म का पालन होना चाहिए लेकिन इसके बावजूद भी जबके वहाँ के CM और अब PM नरेन्द्र मोदी पर इसका कोई असर नही हुआ था वहाँ जो कुछ हुआ था वह सबके सामने है यह भी पता चला है कि अस्थाना को SIT का हेड बनाने के पीछे अब मार्ग दर्शक मंडली के सदस्य आडवाणी का आईडिया था जबके CM नरेन्द्र मोदी की मदद के लिए मोदी की तो मदद हो गई लेकिन अस्थाना ने भी अपनी आस्था बदल ली क्योंकि उसके बाद से मोदी भाजपा में मज़बूत होते गए और अस्थाना भी मोदी झोली में समायोजित होते गए।

अस्थाना-मोदी की घनिष्टा बढ़ती गई बतौर CM मोदी अस्थाना को अच्छी-अच्छी मलाईदार पोस्टिंग देते रहे और अस्थाना नागपुरिया आईडियोलोजी को मज़बूती के साथ अमलीजामा पहनाते रहे अब चाहे इशरत जहाँ का फेंक एनकाउंटर केस हो या आसाराम बापू रेप केस अस्थाना नरेन्द्र मोदी के मददगार बने रहे, इशरत जहाँ केस में गुजरात काडर के एक IPS सतीश वर्मा ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर कहा था कि सरकार के दबाव में राकेश अस्थाना ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए कैसे एक फ़ोरेंसिक अफ़सर को मजबूर करने की कोशिश की थी वर्मा अपनी सच्चाई व गुणवत्ता के लिए जाने जाते थे।1984 के IPS राकेश अस्थाना की बेटी शादी वडोदरा में हुई थी 2016 में आज तक चर्चा करते है लोग किस तरह मेहमानों का स्वागत हुआ था फ़ाइव- स्टार सुविधाएँ थी यह बात अलग है कि सभी होटल्स ने राकेश अस्थाना के परिवार व उनके मेहमानों को यह सुविधाएँ मुफ़्त दी थी शाहेब के ख़ास अफ़सर जो ठहरे।

अगर विदेश जाने का मन करे तो प्राईवेट चॉपर भी मिल जाता है अस्थाना को गए भी है।वह IG वडोदरा CP अहमदाबाद कमिश्नर अॉफ पुलिस सूरत और वडोदरा रहे वडोदरा पुलिस चीफ़ के तौर पर उन्होंने 2008 सीरियल धमाकों की जाँच की थी।अपने लोगों को बचाने और दूसरों को फँसाने का हुनर राकेश अस्थाना बहुत अच्छा जानते है इस लिए नरेन्द्र मोदी की पसंद बने हुए है जून 2016 को जब CBI कुछ ख़ास मामलों की जाँचो को तेज़ करने के लिए SIT गठित की तो इसका नेतृत्व करने ज़िम्मेदारी इन्हें दी गई क्योंकि वह राजनीति से प्रेरित जाँचे थी जिसका मतलब मोदी की भाजपा के लिए दबाव बनाना था।राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई मामले इनकी कयादत में परवान चढ़ाने की कोशिश की गई जैसे अगुस्टा वेस्टलैंड स्कैम , INX मीडिया केस , विजय माल्या के ख़िलाफ़ किंगफ़िशर एयरलाइंस लोन फ़्रॉड , राजस्थान का ऐंबुलेंस स्कैम जिसमें अशोक गहलोत सचिन पायलट और कीर्ति चिदंबरम घिरे थे चारा घोटाला की जाँच और लालू प्रसाद यादव को भी आरोपी मोदी के इसी IPS ने बनाया था। 

विकास-भ्रष्टाचार का मखौटा लगाकर जनता को ज़्यादा दिन मुर्ख नही बनाया जा सकता है अब सबकुछ सामने आ गया है जो मोदी चुनावी भाषणों से प्रेरित होकर गए थे कम से कम वह तो वापिस होने के लिए सोच ही रहे है कि बहुत हुआ हिन्दु-मुसलमान उब चुके है यह सब सुन-सुन कर न विकास की बात होती न भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बात होती बल्कि और बढ़ गया है यह सब खतम हो इस पर विचार करना पड़ेगा जनता को इन सबसे कुछ होने वाला नही है नागपुरिया आईडियोलोजी के पास कोई विजन नही है शिवाए तर्क हीन बातों के इस देश में सब यही रहेंगे यह सब इनका वोट लेने का फ़ण्डा है अब इसे जितनी जल्दी हम समझ ले वह देश और हमारे लिए भी बेहतर होगा। कमाल की बात है CBI के चीफ़ न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट जाते है और सुप्रीम कोर्ट के जज अपना दुख व देश हित के लिए मीडिया को बुलाते है और अपील करते है कि देश सबकुछ ग़लत हो रहा है इसे बचाने का काम करे इससे पहले कभी इस तरह के हालात बने क्या सही है जो भी कुछ हो रहा है क्या हमें गंभीरतापूर्वक विचार नही करना चाहिए।?

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