ठेके खुलते ही ‘आउट ऑफ स्टॉक’ हुई शराब !
चालीस दिनों के बाद शराब के शौकीनों के चेहरे पर छाई मुस्कान...
कोरोना वायरस के पढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में लॉकडाउन 3.0 की आज से शुरुआत हो गई है। लेकिन सरकार के द्वारा लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ ही सोमवार से शर्तों के साथ शराब की दुकानें (shop ) खोलने का आदेश दिया। ऐसे में लॉकडाउन में मायूस चहरों पर पूरे चालीस दिनों के बाद शराब के शौकीनों के चेहरे पर मुस्कान छाई।
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दुकानदारों को गिराना पड़ा शटर…
वहीं उत्तर प्रदेश के शराब की दुकाने (shop) खुलते ही हर किसी में शराब लेने की उत्सुकता दिखी। लोगों में मनचाहा ब्रांड पाने की जल्दी थी। कुछ को कामयाबी मिली तो कुछ दूसरे ब्रांड के लिए मजबूर हुए। खैर , चंद घंटों के अंदर ही शहर की अधिकांश दुकानें आउट ऑफ स्टॉक हो गईं। दोपहर होते-होते दुकानदारों को शटर गिराना पड़ा।
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों (shop ) को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खोलने का निर्देश जारी किया है। रविवार की देर रात तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि रेड जोन में शराब की दुकानें खुलेंगी या नहीं। इस बीच जैसे ही सुबह दुकानों के खुलने की तस्वीर साफ हुई तो शराबियों के चेहरे खिल उठे।
ढाई में खत्म हो गई शराब…
वहीं वाराणसी में लोग सुबह 10 बजे के पहले ही दुकानों के बाहर डट गए। इस दौरान लंबी लाइनें लग गई। हालांकि कुछ जगहों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे तो कुछ जगहों पर भीड़ ज्यादा दिखी।शराब को लेकर क्रेज का आलम ये था कि दुकान खोलने के ढाई से तीन घंटे में ही ब्रांडेड मॉल की शॉर्टेज हो गई।
अधिकांश लोग अपनी मनचाही ब्रांड के लिए इधर उधर भटकते दिखाई पड़े। कुछ जगहों पर तो दुकान का पूरा माल ही बिक गया। नतीजा ये हुआ कि दुकानदारों को शटर गिराना पड़ा। शहर के रथयात्रा, ककरमत्ता, भोजूबीर, शिवपुर, लंका, भेलूपुर में दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ देखने को मिली।
सरकार का अर्थतंत्र…
–राजस्व का बड़ा स्रोत माना जाता शराब बिक्री ।
–यूपी में राजस्व का 20 फीसदी हिस्सा शराब बिक्री से आता है।
–शराब बिक्री से यूपी सरकार को हर साल लगभग 20000 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा होता है।
–सरकारी आंकड़े देखें तो 2018-19 के अप्रैल और मई महीने में सरकार को 4, 558 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
–पिछले साल-अप्रैल में 2,372 करोड़ रुपये की शराब बिकी थी। मई में यह घटकर 2,187 करोड़ हो गई।
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