बहराइच–सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर में सोमवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में तीन महिलाओं की नसबंदी की जा चुकी थी। जब अंतिम महिला की नसबंदी शुरू की गई तो चीरा लगाने के बाद लैप्रोस्कोपी मशीन ने काम करना बंद कर दिया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर में सोमवार को महिलाओं की नसबंदी किए जाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया था। पयागपुर इलाके के विभिन्न गांवों से आशा बहुओं और एएनएम के माध्यम से महिलाओं को बुलाया गया था। आठ से अधिक महिलाएं आई हुई थीं। जिनमें चार महिलाओं को नसबंदी किए जाने के लिए परीक्षण के बाद आपरेशन थियेटर ले जाया गया। यहां चिकित्सक डॉ. जितेंद्र पांडेय ने आपरेशन शुरू किया। दो महिलाओं का आपरेशन वह कर चुके थे। तीसरी महिला का आपरेशन किया जा रहा था। तभी लैप्रोस्कोपी मशीन में कुछ समस्या पैदा हुई। लगभग डेढ़ घंटे तक उस महिला का आपरेशन किया गया।
इसके बाद पयागपुर के कोड़रीताल गोंसाईंपुरवा निवासी ननकना (32) पत्नी रामनरायन को आपरेशन थियेटर के अंदर ले जाया गया। यहां डॉक्टर ने चीरा लगा दिया। लेकिन मशीन के खराब होने पर ध्यान ही नहीं दिया गया। मशीन को जब लगाया गया तो पूरी तरह से उसके काम नहीं करने की बात सामने आई। जिसके बाद चिकित्सक ने चीरे को टांका लगा दिया। महिला को नसबंदी के लिए मेडिकल कालेज बहराइच रेफर किया जा रहा था। मगर उसने वहां जाने में अक्षमता जतायी। जिसके बाद वह बेंच पर पड़ी तड़पती रही। मगर आपरेशन करने से चिकित्सक ने हाथ खड़े कर दिए। उसके पति रामनरायन ने आक्रोश व्यक्त करते हुए हंगामा भी किया।
मंगवाएंगे दूसरी मशीनः
सीएचसी में सोमवार को शिविर लगाया गया था। शिविर में तीन महिलाओं की नसबंदी की जा चुकी थी। चौथी महिला की नसबंदी होनी थी। मगर मशीन खराब हो गई। उसे बहराइच भेजा जा रहा था। मगर तीमारदार उसे ले जाने को तैयार ही नहीं थे। दूसरी मशीन मंगवाई जा रही है। जिसके बाद फिर शिविर लगाकर आपरेशन किया जाएगा।
(रिपोर्ट-अनुराग पाठक, बहराइच)