चारा घोटाला: दुमका ट्रेजरी केस में लालू यादव को 7 साल की सजा, 30 लाख का जुर्माना

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रांची– चारा घोटाले के चौथे मामले में यहां की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने लालू यादव पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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लालू यादव को अब तक की सबसे ज्यादा सजा दी गई है। हालांकि, सजा के ऐलान के वक्त लालू यादव कोर्ट में मौजूद नहीं थे। न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया है। इससे पहले कोर्ट ने लालू यादव सहित 19 को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया था। 

चारा घोटाला का यह दूसरा मामला है जिसमें मिश्रा को बरी किया गया है। चारा घोटाला में पहली बार 1996 में मामला दर्ज किया गया था। उस समय मामले में 49 आरोपी थे। मुकदमे के दौरान 14 की मौत हो गई। अदालत ने सोमवार को 31 आरोपियों में से 19 को दोषी करार दिया और 12 को बरी कर दिया। लालू प्रसाद को वर्ष 2013 में चारा घोटाले के पहले मामले में पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी। 

उन्हें 23 दिसंबर 2017 को इसके दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया था और साढ़े तीन वर्ष की सजा सुनाई गई थी। वहीं चारा घोटाले के तीसरे मामले में उन्हें 24 जनवरी को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड के अलग हो जाने के बाद चारा घोटाले से जुड़े सारे मामलों को रांची स्थानांतरित कर दिया गया था।

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