हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका कृष्णा सोबती का निधन
न्यूज डेस्क — हिन्दी की प्रसिद्ध लेखिका और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कृष्णा सोबती का आज 93 साल की उम्र में निधन हो गया। सोबती लंबे समय से बीमारी से पीड़ित थीं।
उन्होंने आज सुबह अस्पताल में अंतिम सांस ली। सोबती को राजनीति-सामाजिक मुद्दों पर स्पष्ट राय रखने के अलावा स्त्री मन की परतों को गहराई से उघाड़ने वाली साहित्यकार के तौर पर जाना जाता है।
सोबती का जन्म 8 फरवरी 1925 को वर्तमान पाकिस्तान के एक कस्बे में हुआ था। उन्होंने अपनी रचनाओं में महिला सशक्तिकरण और स्त्री जीवन की जटिलताओं का जिक्र किया था। इनके उपन्यास मित्रो मरजानी को हिंदी साहित्य में लिखी गई बोल्ड रचनाओं में से एक माना जाता है।
गौरतलब है कि देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर नाराज हुए साहित्यकारों में कृष्णा सोबती भी थीं। इन्होंने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया था। इनकी प्रमुख रचनाओं में जिंदगीनामा, सूरजमुखी अंधेरे के, दिलोदानिश, ऐ लड़की, समय सरगम आदि शामिल हैं।