कर्नाटक ने सौराष्ट्र को हरा तीसरी बार किया विजय हजारे ट्राॅफी पर कब्जा

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स्पोर्ट्स डेस्क — बेहतरीन फार्म में चल रहे मयंक अग्रवाल की एक और शानदार पारी के आगे चेतेश्वर पुजारा का प्रयास नाकाफी साबित हुआ और कर्नाटक ने आज यहां फाइनल में सौराष्ट्र को 41 रन से हराकर तीसरी बार विजय हजारे ट्राफी राष्ट्रीय एकदिवसीय चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया।

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27 वर्षीय बल्लेबाज अग्रवाल ने 90 रन की जबर्दस्त पारी खेली। उनके अलावा पवन देशपांडे ने 49 और आर समर्थ ने 48 रनों का योगदान दिया लेकिन लगातार विकेट गिरने के कारण कर्नाटक की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 45.5 ओवर में 253 रनों पर ही आउट हो गयी।  सौराष्ट्र के लिये हालांकि यह स्कोर ही बड़ा साबित हो गया। कप्तान पुजारा ने नौवें विकेट के रूप में रन आउट होने से पहले 94 रन बनाये लेकिन उनके अलावा कोई भी अन्य बल्लेबाज नहीं चल पाया। सेमीफाइनल के नायक रविंद्र जडेजा ने भी निराश किया और आखिर में सौराष्ट्र की टीम 46.3 ओवर में 212 रन पर ढेर हो गयी। कर्नाटक की तरफ से कृष्णप्पा गौतम और एम प्रसिद्ध कृष्णा ने तीन-तीन विकेट लिये।          

कर्नाटक इस तरह से तीसरी बार विजय हजारे ट्राफी जीतने में सफल रहा। उसने इससे पहले 2013-14 में रेलवे को चार विकेट से और 2014-15 में पंजाब को 156 रन से हराकर खिताब जीता था। संयोग से कर्नाटक जब भी फाइनल में पहुंचा तब खिताब जीतने में सफल रहा। सौराष्ट्र अपना दूसरा फाइनल खेल रहा था। वह 2007-08 में चैंपियन बना था। विजय हजारे ट्राफी चैंपियन बनने से कर्नाटक ने चार मार्च से धर्मशाला में होने वाली देवधर ट्राफी में खेलने की अर्हता भी हासिल की। इसमें दो अन्य टीमें भारत ‘ए’ और भारत ‘बी’ की होंगी। 

कर्नाटक को फाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले अग्रवाल फिर से टीम के तारणहार बने। उन्होंने इस चैंपियनशिप में अपनी कुल रन संख्या 723 पर पहुंचायी जो रिकार्ड है। वह वर्तमान सत्र में तीनों घरेलू टूर्नामेंट में 2000 से अधिक रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बने। 

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