संजीत अपहरण मामले में पूर्व थाना प्रभारी रणजीत की भूमिका संदिग्ध
उत्तर प्रदेश में कानपुर के चर्चित संजीत अपहरण कांड में पूर्व बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है। वहीं परिजनों ने इंस्पेक्टर की सिपाही से बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल कर उन पर अपहर्ताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
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परिजनों ने बताया कि फिरौती जाने के बाद भी इंस्पेक्टर घटनास्थल तक नहीं पहुंचे। अपहर्ताओं को पकड़ने में तेजी भी नहीं दिखाई। संजीत की बुआ के बेटे हरीश ने बताया कि 22 जून को इंस्पेक्टर अपनी कार में बैठकर पुलिस टीम को लीड कर रहे थे।
SSP से करेंगे शिकायत..
प्रदेश के कानपुर में गुजैनी फ्लाईओवर के पास खड़ी डीसीएम पर सवार तीन संदिग्ध युवकों पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। इसी डीसीएम के पास एक बाइक भी खड़ी थी। फ्लाईओवर से फेंका गया रुपयों से भरा बैग लपककर बदमाश फरार हो गए। इस बीच बर्रा इंस्पेक्टर ने चमन सिंह के मोबाइल पर फोन कर घटना की जानकारी ली और पास खड़े सिपाही अनिल से बात कराने को कहा।
थाना प्रभारी की अपहर्ताओं से मिलीभगत
अनिल ने उन्हें डीसीएम सवार युवकों के फरार होने की जानकारी दी। इसके बाद भी उन्होंने लापरवाही बरती। डीसीएम और बाइक को कब्जे में नहीं लिया। अनिल को चमन सिंह को साथ लेकर निकलने के निर्देश दे दिए। परिजनों का आरोप है कि पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय की भी अपहर्ताओं से मिलीभगत रही है। यही वजह रही कि दोनों वाहन भी पुलिस के हाथ नहीं लगे। इस संबंध में एसएसपी से शिकायत करने की बात कही है।
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