अनोखी पहल: कानपुर आईआईटी करेगी भगवत गीता और रामायण का डिजिटलाइजेशन

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कानपुर– इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (आईआईटी) कानपुर देश का पहला ऐसा शिक्षण संस्थान बन गया है जिसने हिंदू पवित्र ग्रंथों के डिजिटलाइजेशन की अनोखी प्रक्रिया शुरू की है। इसके तहत संस्थान धर्म ग्रंथों को अडियों और डिजिटल टेक्टस फार्म में तब्दील करेगा।

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यह सेवा कॉलेज के आधिकारिक पोर्टल पर शुरू की गई है, जहां पर www.gitasupersite. iitk. ac. in का लिंक दिखाई देता है। इस परियोजना को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी के केन्द्रीय मंत्रालय ने 2001 में 25 लाख रुपये की फंडिंग देते हुए शुरू किया गया था।

इसके तहत श्रीमद्भगवतगीता, रामचरितमानस, ब्रह्मसूत्र, योगसूत्र, श्री राम मंगल दासजी, नारद भक्ति सूत्र को अपलोड किया गया है। इसके साथ ही वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड और बालककांड समेत नौ ग्रंथों का संस्कृत अनुवाद कर यहां अपलोड किया गया है। हाल ही में इस लिंक पर वाल्मीकि द्वारा संस्कृत में लिखी रामायण के सुंदरकांड और बालकांड का अनुवाद भी जोड़ा गया है। 

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