विजय रूपाणी का एक कार्यकर्ता से सीएम बनने तक का सफर…

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न्यूज डेस्क– राजनैतिक उठापटक और तमाम कयासों के बीच वीजेपी आलाकमान ने विजय रूपाणी के हाथ में गुजरात की बागडोर सौंप दी। विजय रूपाणी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा एनडीए घटक शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। गौरतलब है कि सीएम रुपाणी की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री के तौर पर नितिन पटेल के साथ 6 पाटीदार और 6 ओबीसी चेहरों को जगह दी गई है.गुजरात में बीजेपी ने 182 सीटों में से 99 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के हिस्सा में 77 सीटें आई थीं.

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गुजरात के सीएम के रूप में विजय रूपाणी ने दूसरी बार शपथ ग्रहण किया। रूपाणी का राजनैतिक सफर छात्र जीवन से ही शुरू हो चुका था. छात्र जीवन में वे ABVP के सक्रिय कार्यकर्ता रहे बाद में उन्होंने RSS से जुड़कर इस सफर को आगे बढ़ाया.बताया जाता है कि कांग्रेस शासन में इमरजेंसी के दौरान वे 11 महीने जेल में भी बंद रहे. 1978-1981 तक वे RSS के प्रचारक रहे. 1987 में वे राजकोट नगर निगम के चुनाव में जीते जबकि 1998 में उन्‍हें प्रदेश में पार्टी का महासचिव बनाया गया. रूपाणी चार बार महासचिव भी रहे.

2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्‍य रहे. 2013 में उन्‍हें गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे. नवंबर 2014 में आनंदीबेन पटेल की सरकार में बतौर मंत्री ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्‍लाई, लेबर एंड एंप्लाएमेंट विभाग का दायित्व संभाला. 19 फरवरी 2016 को उन्‍हें प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष बनाया गया. पहली बार 7 अगस्‍त 2016 को रूपानी ने गुजरात के मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ लिया. बीजेपी आलाकमान ने एक बार फिर से सीएम के रूप में रूपाणी पर भरोसा जताया है.

फिलहाल तमाम राजनैतिक चुनौतियों से जुझ रहे गुजरात के राजनैतिक भविष्य पर विजय रूपानी कहां तक विजय पाते हैं ये एक बड़ा सवाल है।

 

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