झारखंड कैडर की 2000 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह देश के विभिन्न हिस्सों में एक साथ 20 जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश की बरामदगी हुई है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें सुबह छह बजे छापेमारी कर रही थी. ये छापेमारी नई दिल्ली, मुंबई, जयपुर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मुजफ्फरपुर, रांची और अन्य शहरों में की गई. पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल समेत छह जगहों पर तलाशी ली गई. पूजा के पहले पति 1999 बैच के झारखंड में आईएएस अधिकारी हैं.
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करोड़ों का कैश बरामद
ईडी ने रांची में पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय से 25 करोड़ रुपये कैश बरामद किए. एक कनिष्ठ अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा के बयान के बाद छापेमारी की गई. सिन्हा फिलहाल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हिरासत में हैं. बताया जा रहा है कि सिन्हा ने अधिकारियों को बताया कि सिंघल ने दो गैर सरकारी संगठनों, वेलफेयर पॉइंट और प्रेरणा निकेतन को 6 करोड़ रुपये के फंड के लिए बाध्य किया था. इतना ही नहीं पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए 83 एकड़ वन भूमि पर खनन पट्टा दिया था. पूजा सिंघल पर चतरा, पलामू, खूंटी जिलों में उपायुक्त रहते हुए मनरेगा में अनियमितताएं करने का भी आरोप है.
IAS के यहां हुई छापेमारी
सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के रूप में तैनात थीं. एजेंसी के अधिकारियों द्वारा रांची में एक अस्पताल सहित कुछ अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मी उन्हें सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं. छापेमारी जिस धन शोधन के मामले में की जा रही है, वह झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है. पीएमएलए के तहत मामला दर्ज होने के बाद सिन्हा को 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था.
Good work by @dir_ed, custodial interrogation is needed. Lokpal should direct CBI also to register a case under Prevention of Corruption Act and monitor it till all accused are arrested. https://t.co/5iU3emLByj
— Rajeshwar Singh (@RajeshwarS73) May 6, 2022
करोड़ों के गबन का है आरोप
केंद्रीय एजेंसी ने झारखंड सतर्कता ब्यूरो द्वारा सिन्हा के खिलाफ दर्ज की गई 16 प्राथमिकी और आरोपपत्रों का संज्ञान लिया था. इनमें सिन्हा पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने, जालसाजी और धन की हेराफेरी के जरिये 18.6 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप लगाया गया था. सिन्हा से पूछताछ करने के बाद अगस्त 2020 में एजेंसी ने उनके खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने 4.28 करोड़ रुपये की उनकी सम्पति भी जब्त की है.
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