एक्सपायर था सिलेंडर, फायर अर्लाम ने भी दिया धोखा…झांसी में 10 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

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Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में लगी भीषण आग में 10 बच्चों की मौत हो गई। 16 मासूम बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। वहीं, वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दुखद घटना से पूरा देश सहमा हुआ है।

लेकिन इस पूरी अग्निकांड में अस्पताल की जो लापरवाही सामने आई है, उसे जानकर आप दंग रह जाएंगे। आपको आश्चर्य होगा कि अस्पताल प्रशासन ने मासूम बच्चों की जिंदगी से किस तरह खिलवाड़ किया। वार्ड में आग लगने के बाद वार्ड बॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र का इस्तेमाल किया। लेकिन यह 4 साल पहले एक्सपायर हो चुका था, इसलिए यह काम नहीं आया।

4 साल पहले एक्सपायर हो चुका था अग्निशमन यंत्र, फायर अलार्म भी दिया धोखा

हैरानी की बात यह रही कि आग लगने के बाद न तो फायर अलार्म बजा और न ही वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के रहे। सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की। यानी अग्निशमन यंत्र सालों पहले एक्सपायर हो चुका था और उसे खाली दिखाने के लिए ये सिलेंडर यहां रखे गए थे।

दस मिनट और खत्म हो गईं 10 जिंदगियां

झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में रात करीब 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके ठीक 10 मिनट बाद वार्ड का मंजर भयावह हो गया। देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। नवजात शिशुओं का वार्ड आग की चपेट में आकर भीषण रूप से जल रहा था। वार्ड से लपटें निकल रही थीं। कुछ ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अगर अग्निशमन यंत्र एक्सपायर न होता तो आग को फैलने से रोका जा सकता था। जब वार्ड बॉय के प्रयास विफल हो गए तो फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। 6 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक पूरा वार्ड धुएं से भर चुका था। सूचना पर डीएम-एसपी भी पहुंच गए। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पा लिया गया।

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आने-जाने का रास्ता भी सही नहीं था

वार्ड में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते नहीं थे। हालात इतने भयावह हो गए कि मौके पर मौजूद लोगों को खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकालना पड़ा। जब भी फायर सेफ्टी विभाग किसी संस्थान को फायर एनओसी देता है तो यह सुनिश्चित करता है कि प्रवेश और निकास के लिए दो दरवाजे हों, लेकिन इस वार्ड में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखी। यह स्थिति देखकर सवाल उठता है कि वार्ड का फायर ऑडिट कैसे हुआ।

सीएम योगी ने जताया दुख, मुआवजे का किया ऐलान

झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद 10 नवजात बच्चों की मौत का सीएम योगी ने भी संज्ञान लिया। सीएम योगी ने घटना पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुए हादसे में बच्चों की मौत अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं। मैं प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्माओं को सद्गति प्रदान करें तथा घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें।


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