शिक्षा और रोज़गार के मुद्दे को नाटक के माध्‍यम से उठाया गया

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लखनऊ–उत्‍तर प्रदेश में शिक्षा और रोज़गार की बदहाल स्थिति को देखते हुए तीन जनसंगठनों द्वारा चलाए जा रहे प्रदेशव्‍यापी ‘शिक्षा-रोज़गार अधिकार अभियान’ के तहत आज जवाहर भवन के प्रांगण में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में बेरोज़गारी के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच संसद और विधान सभाओं में चलने वाली तू-तू मैं-मैं, जूतम-पैजार और कुत्‍ताघसीटी पर एक करारा व्‍यंग्‍य करता एक नाटक प्रस्‍तुत किया गया और शिक्षा और रोज़गार जैसे मुद्दे पर जनता को एकजुट करने का आह्वान करने वाला एक गीत भी पेश किया गया । नौजवान भारत सभा, दिशा छात्र संगठन और जागरूक नागरिक मंच के साझा बैनर तले चलाये जा रहे इस अभियान के तहत 10-सूत्री माँगपत्रक पर प्रदेश भर में लाखों हस्‍ताक्षर कराये जा रहे हैं। भगतसिंह की शहादत दिवस 23 मार्च से शुरू हुए इस अभियान के तहत भगतसिंह के 111वें जन्‍मदिवस 28 सितम्‍बर को हज़ारों छात्र-युवा और नागरिक शिक्षा और रोज़गार से जुड़ी अपनी माँगों को लेकर सरकार के दरवाज़े पर दस्‍तक देंगे।

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आज प्रदर्शित किए गए नाटक का शीर्षक था, ‘देख फ़कीरे लोकतंत्र का फूहड़-नंगा नाच’। यह नाटक भारत की चुनावी राजनीति, चुनावी पार्टियों की जुमलेबाजी और जनता के अधिकारों के प्रति उनके उदासीनता पर एक करारा व्‍यंग्‍य है। नाटक के दौरान सरकार और विपक्ष दोनों पर किए गए कटाक्ष पर दर्शकों ने जमकर तालियाँ बजायीं। इस नाटक में भगतसिंह के सपनों पर आधारित नया भारत बनाने का संदेश दिया गया। नाटक के बाद बड़ी संख्‍या में लोगों ने अभियान को बढ़चढ़कर समर्थन दिया और अपनी भागीदारी व सहयोग दिखाते हुए हस्‍ताक्षर किया। कई लोगों ने अभियान को प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में फैलाने के लिए आर्थिक सहयोग भी किया। नाटक में शिप्रा, अनुपम, लालचन्‍द्र, रूपा और शिवा ने अभिनय किया।

कार्यक्रम के दौरान बात रखते हुए ‘शिक्षा-रोज़गार अधिकार अभियान’ की संयोजन समिति के सदस्‍य आनन्‍द सिंह  ने कहा कि आज प्रदेश में बेरोज़गारों-अर्द्ध बेरोज़गारों की कुल संख्‍या लगभग 4 करोड़ हो चुकी है। नये रोज़गार पैदा करना तो दूर, पहले से खाली लाखों पदों पर भी भर्तियाँ नहीं हो रही हैं।   

अभियान की एक प्रमुख माँग यह है कि ‘हरेक काम करने योग्य नागरिक को स्थायी रोजगार व सभी को समान और निःशुल्क शिक्षा’ के अधिकार को संवैधानिक संशोधन करके मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाये। प्रदेश सरकार इस बाबत विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके केन्द्र को भेजे। प्रदेश सरकार से  ‘भगतसिंह रोज़गार गारण्टी क़ानून’ जल्द पारित करने की भी माँग रखी गई है।प्रदेश के 9 ज़िलों लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, गाज़ियाबाद, मऊ, अम्‍बेडकरनगर, उरई और चित्रकूट में शिक्षा-रोज़गार अधिकार अभि‍यान शुरू किया जा चुका है और अन्‍य ज़िलों में भी इसे विस्‍तारित किया जा रहा है।‍

(रिपोर्ट – आनन्‍द सिंह, लखनऊ )

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