सोनभद्र मामले पर सपा नेता ने मानवाधिकार आयोग को भेजा पत्र
सोनभद्र– पुलिस-प्रशासन और खनन माफियाओं के गठजोड़ का नतीजा रहा की जिले के बरहमोरी बालू साइड पर हिंसा हुई। इस भड़की हिंसा की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग समाजवादी पार्टी के नेता विकास शाक्य ने राष्ट्रीय मानवाधिकार से किया है।
उन्होने कहा कि योगी सरकार आदिवासी वंचित दलितों पर हमले करा रही है। बरहमोरी की घटना योगी सरकार के गुर्गों ने अंजाम दिया और अब गरीबो पर फर्जी मुकदमा लगाकर दमन कर रही है। श्री शाक्य ने कहा बरहमोरी बालू साइड पूर्ण रूप से अवैध चल रहा है और योगी सरकार चलवा रही है। नदी तल से मुख्य मार्ग तक गरीब किसानों की जमीनों पर जबरन रास्ता बना कर उनके फसलों को नुकसान पहुँचाते हुए परिवहन किया जा रहा था। स्थानिय लोगों ने जब – जब विरोध किया तो खनन माफियाओं के गुर्गों ने उन्हे भयक्रान्त कर चुप कराते रहे और पुलिस प्रशासन खनन माफियाओं के साथ खड़ी रही। बरहमोरी घटना के दिन मामूली विवाद पर खनन माफियाओं ने असलहे से गोली चला दी। पुलिस प्रशासन की मौजूदी मे हुए फायर और एक ग्रामीण को गोली लगने के बाद भी पुलिस प्रशासन के लोग ग्रामीणों को ही बल पुर्वक हटाने लगे और फायर करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने लगे। जिससे हिंसा भड़क गयी और आक्रोशित ग्रामीणों ने आगजनी की घटना कर दी।
सोनभद्र में खनन माफिया व ग्रामीणों में संघर्ष,15 नामजद व 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज
उन्होने बताया की योगी सरकार के इशारे पर प्रतिरोध की आवाज को दबाने के लिये ग्रामीणों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर खनन माफियाओं को बचाने मे लगी है। निश्चित रूप से पुलिस आगे दमन तेज करेगी और निर्देशों को जेल भेजेगी। विकाश शाक्य ने बरहमोरी की घटना का विस्तृत जांच रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेज कर पुरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है।
(रिपोर्ट- रवि देव पांडेय, सोनभद्र )