नेवी को मिला नया ध्वज, गुलामी के निशान से मिली आजादी, जानें क्यों बदलना पड़ा चिह्न?
पीएम मोदी ने शुक्रवार को INS विक्रांत को नौसेना के बेड़े में शामिल करने के साथ आज नौसेना के नए ध्वज का अनावरण करके औपनिवेशिक काल की गुलाम मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा भी दिलाया। नौसेना का नया निशान (ध्वज) औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप है। ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के अधिकतर देशों ने अब अपने नौसेना के निशान को बदल दिया है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। इन सभी देशों के ध्वज पर पहले ब्रिटिश झंडा लगा रहता था।
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भारतीय नौसेना के नए ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर का प्रतिनिधित्व करने वाले अष्टकोण में संलग्न एक गहरे नीले रंग की पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना शिखा का परिचय देता है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले ही एक बयान जारी करके कहा था नया निशान ‘औपनिवेशिक अतीत से दूर..समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप’ होगा। देश की आजादी से अब तक नौसेना के निशान को चार बार बदला जा चुका है। अब फिर इसी निशान या ध्वज को प्रधानमंत्री मोदी ने बदलकर औपनिवेशिक काल की गुलामी की मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा दिलाया है।
केरल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन में देश के पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। pic.twitter.com/ErkqB7dNmd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 2, 2022
देश की नौसेना का एक ध्वज होता है
दरअसल, किसी भी देश की नौसेना का एक ध्वज होता है जो युद्धपोतों, ग्राउंड स्टेशनों और हवाई अड्डों सहित सभी नौसैनिक प्रतिष्ठानों के ऊपर फहराया जाता है। भारतीय नौसेना का भी अपना निशान या ध्वज है जिसमें अब तक सफेद रंग के आधार पर लाल रंग का क्रॉस बना हुआ था जो सेंट जॉर्ज का प्रतीक है। ध्वज के ऊपरी कोने में तिरंगा और साथ ही क्रॉस के बीच में अशोक चिह्न बना हुआ है।
भारतीय नौसेना के इतिहास को देखा जाए तो 2 अक्टूबर 1934 को नेवल सर्विस को रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। देश का विभाजन होने के बाद जब भारत और पाकिस्तान की अलग-अलग सेनाएं बनीं तो नौसेना रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में बंट गई। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को इंडियन नेवी में से रॉयल शब्द को हटा लिया गया और उसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।
ब्रिटिश झंडा हटाकर लगा तिरंगा
आजादी के पहले तक नौसेना के ध्वज में ऊपरी कोने में लगा ब्रिटिश झंडा हटाकर उसकी जगह तिरंगे को जगह दी गई। औपनिवेशिक काल के बाद अन्य पूर्व-औपनिवेशिक नौसेनाओं ने अपने नए झंडे में रेड सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया, लेकिन भारतीय नौसेना ने इसे 2001 तक बरकरार रखा। इसके बाद अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय 2001 में फिर एक बार ध्वज में बदलाव किया गया।
इस बार सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना के लोगो को जगह दी गई और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकरार रखा गया। इसके बाद 2004 में तीसरी बार ध्वज या निशान में फिर से बदलाव करके रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया। नए बदलाव में लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को शामिल किया गया। इसके बाद चौथी बार 2014 में एक और बदलाव कर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।
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