गरीबों के हक़ पर डाका डाल नगर पालिका ने सरकारी नौकरों को दे दिए प्रधानमंत्री आवास
एटा — देश के प्रधानमंत्री मोदी जी भ्रस्टाचार को खत्म करने के लिए चाहे कितनी भी कोशिश कर ले। लेकिन भ्रस्टाचार कम होने का नाम नही ले रहा है और ये सब उन्ही के अधिकारियों की मिली भगत से हो रहा है।
देश मे प्रधानमंत्री द्वारा गरीबो के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन उनके ही अधिकारी और कर्मचारी उनकी योजनाओं को पलीता लगाने का काम कर रहे है। एटा के नगर पालिका जलेसर के नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोलमाल सामने आया है। जिसमे अपात्र लोगो को आवास दे दिए गए है और पात्र गरीब लोग जिनके पास रहने के लिए अच्छी झोपड़ी भी नही है उनको आवास नही मिले है ।लोगो की मानें तो ऐसे लोगो को आवास दिए गए है जिनके घरों में ए सी लगे है और उनके पास चार पहिये की गाड़ियां कारें है और उनके घर मे सरकारी नोकरी भी है। जिसकी शिकायत गरीब पीड़ित लोग अधिकारियो से कर चुके है लेकिन अभी तक कोई कार्यबाही नही हुई है। फिलहाल अपर जिलाधिकारी मामले की जांच कराकर कार्यबाही की बात कर रहे है।
ये पूरा मामला जनपद एटा के नगर पालिका जलेसर का है जहाँ गरीबो के हक़ पर डाका डाला जा रहा है। बताया जाता है कि जलेसर नगर पालिका क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र में गरीबो के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये है ,जिसमे पात्र लोगो को आवास नहीं दिए गए है ,और अधिकारियो और कर्मचारियों की मिली भगत से अपात्र लोगो को आवास स्वीकृत कर दिए गए है। लोगो की माने तो ऐसे लोगो को आवास स्वीकृत किये गए है जिनके पास पहले से कई मकान दुकान है। इतना ही नहीं जिनके घर में एसी लगे हुए है उनको नगर पालिका के अधिकारियो ने गरीब माना है। और जिनके पास एक सही झोपड़ी भी नहीं है उनके उन्होंने गरीब की श्रेणी में नहीं रखा है। जिसकी शिकायत गरीब लोगो ने नगर पालिका के अधिकारियो से कई बार की है और उनको उन सभी लोगो के घरो के फोटो भी दिखाए है जिनके घरो में एसी लगे है और उनके पास बड़े बड़े पक्के मकान है।
गरीब लोगो ने इसकी शिकायत कई बार समाधान दिवस में भी की है लेकिन आज तक कोई कार्यबाही नहीं हुई है। और गरीब अपने आशियाने के लिए अधिकारियो के कार्यालयों के चक्कर काट रहे है ,लेकिन उनकी कोई सुंनने के लिए तैयार नहीं है। जब हमने पीड़ितों से बात की उन्होंने बताया कि ऐसे लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये गए है जिनके पास मेन रोड पर पक्की दुकान , पक्के मकान , सरकारी नौकरी वाले लोगो को भी आवास स्वीकृत किये गए है। लेकिन गरीब असाय लोगो को आवास नहीं मिले है। वही जब हमने जिलाधिकारी से इस मामले में बात करने की कोशिस की उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। लेकिन जब हमने अपर जिलाधिकारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि ये मामला हमारे संज्ञान में आया है। और हमने डूडा विभाग को इस मामले की जांच सौंपी है और इस में जो भी तथ्य निकल कर सामने आएंगे। उसी के आधार पर कार्यबाही की जाएगी।