महानगर के बीचोबीच अवैध खनन से कई घरों में आईं दरारें
लखनऊ — अवैध खनन के काले धंधे पर भले ही मुख्यमंत्री से लेकर हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो, लेकिन इसके बावजूद यूपी में यह खेल बदस्तूर जारी है। हद तो तब हो गई जब बेखौफ खनन माफिया अफसरों से सांठगांठ करके सीधे राजधानी के बीचो-बीच बेखौफ तेजी से अवैध खनन करा रहे हैं।
दरअसल मामला लखनऊ के पॉश इलाको में शुमार महानगर का है यहां कानपुर के एक व्यापारी ने पहले कई मंजिला नक्शा पास कराया, फिर जमीन में करीब 3 मंजिला अवैध खनन कर डाला। नियम विपरीत खुदाई से आसपास के घरों में मोटी दरारें आ जाने से लोगों में भारी दहशत में हैं। इससे साफ जाहिर है कि आवासीय इलाके में भी खनन माफियाओं का जंगलराज तेजी से बढ़ रहा है। रसूखदारों के आगे स्थानीय निवासियों ने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
एलडीए और जिला प्रशासन के अफसर भी नक्शा स्वीकृत व खनन अनुज्ञा देने के बाद हाथ पर हाथ धर कर बैठ जाते हैं। खनन स्थल के आसपास शासन में बैठे कई अफसरों के भी आवास हैं। प्रदेश में खनन घोटाले की सीबीआई जांच के बावजूद इस गोरखधंधे पर शिकंजा नहीं कहा जा रहा है।
बता दें कि 128-के/369 किदवई नगर कानपुर निवासी सरदार हरजीत सिंह ने महानगर हाउसिंग योजना में सेक्टर ए, बी 991 पर स्थित 1307.75 वर्ग फीट के प्लाट एरिया (कवर्ड एरिया 3268 वर्ग फिट) पर एलडीए के 6 मंजिल व्यावसायिक मानचित्र स्वीकृत कराया है। इसमें बेसमेंट भी है, नक्शा 29-11-2016 को स्वीकृत किया गया है। इस प्लाट पर सरदार हरजीत सिंह ने पहले 2499 घन फिट मिटटी व 1999 घन फिट बालू कुल रॉयलिटी रुपये 184915 जमा की गई। उसके बाद 2884 घन फिट मिटटी पर फिर 84000 रुपये की रॉयलिटी खनन अनुभाग में जमा की। दोनों मिलाकर हरजीत सिंह ने खनिज उत्खनन पर महज 268915 रुपयों की ही रॉयलिटी जमा की। जबकि इससे कहीं ज्यादा मौके पर खनन किया गया है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि उनसे कहा गया है कि आपके घरों में जो दरार आई है उनकी मरम्मत करवा दी जाएगी। इसके लिए पड़ोसियों ने भी अपनी जुबान पर ताले डाल रखे हैं।बता दें कि अवैध खनन का ये खेल सरदार हरजीत सिंह लंबे समय से कर रहे हैं। भारी पोकलैंड मशीन से नियम विपरीत आवासीय इलाके में इतनी गहराई से खुदाई से आसपास के घरों में भारी दरार आ गई है।मौके पर मिले ठेकेदार ने कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। खास बात यह है कि बाहर का गेट नहीं तोड़वाया गया है। जिससे बाहर से अवैध खनन का जंगलराज नजर ना आए।
वहीं लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस मामले की जांच करवाकर आगे की कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि जब उत्तर प्रदेश में हाल ही में हाईकोर्ट ने दो जिलाधिकारियों के निलंबन का फरमान जारी किया है तो राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाक के नीचे शहर के बीचोबीच अवैध खनन कैसे हो रहा है।