कैसे रुकेगी नकल जब पिता ही बन गए बाह्य केंद्र व्यवस्थापक
प्रतापगढ — 6 फरवरी से शुरू हो रही बोर्ड की परीक्षा में जहां सरकार नकल को रोकने के लिए तमाम तरह की कवायदे कर रही है ,वही नकल माफिया अपने हरकत से बाज नही आ रहे है। यहाँ तक कि डीआइओ यस कार्यालय में चले खेल मेल ने शासन प्रशासन की सारी मंशा पर पानी फेर कर रख दिया है।
दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का है जहां इस बार जुगाड से बाहयकेंद्र व्यवस्थापको की नियुक्ति की गयीं है, लेकिन चले लंबे खेल में जहाँ प्रबंधतंत्र मनमाफिक स्वयं परीक्षा केंद्र बनवाने में सफल रहे वही,ड्यूटी से लेकर अपने स्कूलों।का सेंटर भी मन माफिक बनवाने में कामयाब रहे, इसमें जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से जुड़े लोग कम जिम्मेदार नही है।रुपयों के लेनदेन ने इस बार नकल रोकने की सारी कवायद पर पानी फेरती नजर आ रही है।
बता दे कि इसकी एक बानगी देखिये केंद्र संख्या 14750 विधालयकोड 1166 के जिला कर्म संख्या 104 सुमित्रा देबी बालिका विद्यालय डेरवा प्रतापगढ़ में वाहय केंद्र व्यवस्थापक के रूप में राजकीय उ0 मा0 विद्यालय सराय आना देव् के सह्ययक अध्यापक त्रयम्बक शरण मिश्र को बाहय केंद्रव्यवस्थापक किस आधार पर वे किसके निर्देश पर बनाया गया । केंद्र व्यस्थपक के रूप में तैनात त्रयम्बक शरण मिश्र उस कॉलेज के प्रधानचार्य के पिता व यनके स्वयं का निजी स्कूल है। है,यह जांच का विषय है,इससे यह साबित होता है कि इसमें लम्बा चढ़ावा व खेल खेला गया है। फिर हाल यही दशा रही तो नकल पर लगाम कसना नामुमकिन है।
जिला प्रशासन द्वारा जारी ड्यूटी सूची जिस पर डीआइ ओ यस के हस्ताक्षर भी है। कितनी बारीकी से यह नियुक्ति कर ली गयी है। इसी तरह के दर्जनों शिक्षकों ने अपने मनमाफिक अपने घरों के आसपास य फिर परिचितो के कॉलजो में अपनी तैनाती कराने में सफल हो गए है।अब देखना है, कि जिला प्रशासन इस पर जांच बैठाकर कार्यवाही करती है या फिर इन्ही के भरोसे नकल रोकवाती है।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)