Hotspot क्षेत्रों में चलाया गया सेनेटाइजे़शन अभियान, लखनऊ वासियों ने ऐसे किया सहयोग…
लखनऊ: नगर निगम द्वारा कोविड-19 के अन्तर्गत संक्रमण को रोके जाने हेतु प्रशासन द्वारा सील किये गये hotspot क्षेत्रों के अतिरिक्त नगर के समस्त 110 वार्डो में घर-घर जाकर सेनेटाईजर एवं सोडियम हाइपोक्लोराइट का वितरण किया जा रहा है साथ ही प्रातःकाल 08:00 बजे से समस्त हॉट स्पॉट क्षेत्रों में विशेष सेनेटाइजे़शन का कार्य युद्ध स्तर पर डेडीकेटेड वाहनों एवं हैण्डी स्प्रिन्किलिंग मशीन से कराया गया।
यह भी पढ़ें-SCAM: यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने फिर कर दिया नया घोटाला !
Hotspot क्षेत्रों में छावनी क्षेत्र के अन्तर्गत अलीजान मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में 415 भवनों, सदर छावनी क्षेत्र में राम दास का हाता के आसपास 161 भवनों, वजीरगंज क्षेत्र के अन्तर्गत मोहम्मदी मस्जिद के आसपास 300 भवनों, क़ैसरबाग क्षेत्र में फूलबाग मस्जिद व नज़रबाग मस्जिद के आसपास 360 भवनों, मोहम्मदिया मस्जिद, सआदतगंज क्षेत्र में 305 भवनो, तालकटोरा क्षेत्र के अन्तर्गत पीर बक्का मस्जिद के आसपास 117 भवनों, त्रिवेणी नगर क्षेत्र में खजूर वाली मस्जिद के आसपास 67 भवनों, विजयखण्ड, गोमतीनगर क्षेत्र में 173 भवनों, इन्दिरा नगर में मेट्रो स्टेशन मुंशी पुलिया के आसपास 165 भवनों व दुकानों एवं खुर्रम नगर में अलीना इन्क्लेव के आसपास 81 भवनों व दुकानों, हाता संगी बेग के 155 भवनों, अलहयात मस्जिद, नया पुरवा, फैजुल्लागंज क्षेत्र में 49 भवनों, अमीनाबाद मरकज मस्जिद के आसपास 550 भवनों, नजीराबाद क्षेत्र में 145 भवन व दुकानों, डालीगंज हॉस्पिटल व आसपास 52 भवनों, करेहटा व आसपास के क्षेत्र में 120 भवनों, राजेन्द्र नगर बिरहाना क्षेत्र में 178 भवनों, इस प्रकार कुल 3393 भवनों एवं दुकानों को सेनेटाइजे़शन कर विसंक्रमित किये जाने की कार्यवाही की गयी। Hotspot क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा प्रत्येक क्षेत्र मे आवश्यकतानुसार भोजन के पाकेट भी वितरित किए गए। नगर निगम द्वारा की गयी यह कार्यवाही प्रशासन से प्राप्त होने वाले अग्रिम आदेशो के क्रम में निरन्तर की जायेगी।
Hotspot क्षेत्रों में इस कार्यवाही पर क्षेत्रीय लोगों द्वारा पूरा सहयोग प्रदान किया गया। कार्य का पर्यवेक्षण जोनवार एवं क्षेत्रवार अपर नगर आयुक्त, मुख्य अभियन्ता-सिविल एवं मुख्य अभियन्ता (वि0/याँ), पशु कल्याण अघिकारी, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, पर्यावरण अभियन्ता एवं जोनल अधिकारियों द्वारा किया गया।