69 हजार शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

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लखनऊ–इलाहाबाद High court की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के कटऑफ अंक विवाद पर अपना अहम फैसला सुनाया है।

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High court न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल व न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर अपनी मुहर लगाई है। बेंच ने तीन माह के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है। यह भर्ती प्रक्रिया बीते डेढ़ साल से अटकी थी। प्रदेश के करीब 4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी निर्णय का इंतजार कर रहे थे।

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High court के के फैसले के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 150 में से 97 अंक हासिल करने होंगे, जबकि अरक्षित वर्ग के लिए 90 अंक जरुरी है। High court ने अपने फैसले में शिक्षा की योग्यता और गुणवत्ता को अहम बताया। साथ ही योगी सरकार को योग्यता के आधार पर रिजल्ट जारी कर भर्ती प्रक्रिया को शुरू करे।

राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे। बीते साल की शुरुआत में हुई भर्ती परीक्षा के तुरंत बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी तय किए थे, जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुईं। पिछले साल से इन अपीलों पर फाइनल सुनवाई चल रही थी।

प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह जनवरी 2019 को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इनमें 4,10,440 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी और 21 हजार 26 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी।

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