‘एससी एसटी एक्ट’ बना परिवार के लिए का धंधा, इस तरह कर रहे दुरूपयोग

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अलीगढ़–एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता वाजिब है। अलीगढ़ के कोतवाली इगलास के एक परिवार ने तो इसे धंधा ही बना लिया। दरअसल इस परिवार का मकसद मुकद्दमा लिखाकर मुआवजा हासिल करना है। 

सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी एक्ट में किये गये संसोधन के बाद जहाँ देशभर में सियासी तूफान खड़ा हो गया है वहीँ इसके उलट एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग की एक बानगी सामने आयी है। अलीगढ की इगलास कोतवाली के गाँव हस्तपुर में फर्जी तरीके से मुआवजा हासिल करने के उद्देश्य से एससी एसटी एक्ट के दुरूपयोग के मामले सामने आये हैं। गांव हस्तपुर में रहने वाले दलित विष्णु ने एक प्लाट को लेकर हुए विवाद में गांव के स्वर्ण बीरेंद्र सिंह के परिवार के चार सदस्यों के विरुद्ध एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया और मुआवजा भी हांसिल किया। इसके बाद  विष्णु और उसके पिता चन्द्रपाल सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने सन 2016 तक बीरेंद्र सिंह की शादीशुदा पुत्रियों सहित के अन्य सदस्यों ओर मददगारों के विरुद्ध एससीएसटी के नौ मुकद्दमे लिखा दिये। जिसकी बजह से परिवार दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। यहां तक कि ससुराल में रह रही बीरेंद्र सिंह की पुत्रियों को भी नहीं बख्शा गया।

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इस हरिजन एक्ट के चलते पीड़ित की बूढ़ी माँ लाचार है। उसका आरोप है कि हमारा सब कुछ बिक गया इस एक्ट की बजह से। इस बूढ़ी मां के दो बेटे श्री कृष्ण और रिंकू अभी जेल में हैं जबकि एससी एसटी के भय से एक बेटा अमित फरार चल रहा है। बूढ़ी माँ का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके नाती बोल सुन नहीं सकते और बीमार रहते हैं। उनका इलाज भी नहीं हो पा रहा है। इस एक्ट का गांव में इतना भय है कि पीड़ित परिवार का कोई साथ देने को तैयार नहीं है।गांव के लोगों का तो यहां तक कहना है कि विष्णु के मुकद्दमों के सामने कई ने घुटने टेक दिये तो कई गाँव से पलायन करने को मजबूर तक हो गये।

जब विष्णु की इन्तहां हो गयी तब प्रशासन जागा। गांव वालों के आवाज उठाने पर तत्कालीन जिलाधिकारी और एसएसपी ने इस मामले में लिखाये गये मुकद्दमों की संख्या और मुआवजा राशि का रिपोर्ट तैयार करायी। तब इस मामले की कलई खुली। इसके बाद इस बाबत इन अधिकारियों ने एससी एसटी आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर इस बारे में अवगत कराया। एसएसपी के मुताबिक केवल इगलास थाने में ही दर्जन भर एससी एसटी एक्ट के मुकद्दमे लिखाये गये जिनमें विष्णु और उसका परिवार 3 लाख से ज्यादा की सहायता राशि हासिल कर चुका है। इसमें खास बात ये भी है कि पूरा प्रकरण एससी एसटी आयोग के संज्ञान में लाने के बाबजूद भी तीन चार मुकद्दमे और लिखा दिये गये जिनकी विवेचना आयोग के तहत अलीगढ़ में ना होकर आगरा में हो रही है।

(रिपोर्ट – पंकज शर्मा , अलीगढ )

 

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