राज्यपाल ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय वेबकान का किया शुभारम्भ

0 36

कानपुर–उत्तर प्रदेश की Governor आनंदीबेन पटेल ने आज चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी प्रबन्धन हेतु कृषि उत्पादन एवं सहयोगी प्रणाली: अनुभव साझेदारी एवं रणनीतियां’’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेबकाॅन को राजभवन से सम्बोधित करते हुये कहा कि नोवल कोरोना विषाणु से फैली वैश्विक महामारी ने कृषि उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा के महत्व को पुनः रेखांकित किया है।

यह भी पढ़ें-आंध्र गैस कांड की खौफनाक तस्वीरें, जहां-तहां पड़े लोग, मुंह से निकल रहा था झाग

राज्य सरकारों के सामने उत्पादन एवं आपूर्ति चेन को बनाये रखना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि देश में कृषि उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाना तथा कृषि विकास की सतत् प्रक्रिया को जारी रखना केन्द्र एवं राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।

Governor ने कहा कि कोविड 19 लाॅकडाउन के कारण खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में शिथिलता आने के कारण वैश्विक कुपोषण की समस्या एक दूसरा पक्ष भी है। सरकार एवं गैर सरकारी संस्थाएं सबको भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं परन्तु इसमें जन-सहभागिता भी आवश्यक है। देश व प्रदेश की सरकारें प्रसार सेवाओं के माध्यम से भी कृषि उत्पाद को बेचने, खरीद में किसान उत्पादक संघों द्वारा कृषि उत्पादनों के उचित दाम प्राप्त करने हेतु प्लेटफार्म तैयार कर एवं गांव से शहरों की ओर पलायन रोकने हेतु समुचित कदम उठा रही हैं।

Related News
1 of 35

Governor ने कहा कि कृषि फसलों में कटाई के उपरान्त होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चेन सुविधा द्वारा दूध एवं अन्य शीघ्र नष्ट होने वालों पदार्थों को हानि से बचाने हेतु क्षमता विकास एवं उचित बाजार मूल्य उपलब्ध कराने की आज बड़ी आवश्यकता है।

Governor ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये जाने हेतु आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा औषधीय एवं सगंधीय पौधों के उपयोग के परामर्श पर बल देते हुये कहा कि हल्दी, अदरक, लहसुन, चुकन्दर, आंवला, पालक, ब्रोकली, नींबू वर्गीय फल, अनार, पपीता, पोदीना, तुलसी, अश्वगंधा, सौफ, लौंग, कालीमिर्च एवं गिलोय जैसे हर्बल उत्पादों का प्रयोग कर वायरस जन्य बीमारियों के विरूद्ध प्रतिरक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें-यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मिली धमकी, मचा हड़कंप

श्रीमती पटेल ने कहा कि कोविड 19 महामारी एवं लाॅकडाउन के समय कृषि संयुक्त प्रणाली की उपयोगिता अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गयी है। इसके अन्तर्गत दूर संवेदन प्रणाली, कृषि विपणन, कृषि कार्यों में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, कृषि ड्रोन एवं परिशुद्ध खेती आदि के अनुसंधान एवं इसके उपयोग को बढ़ावा देने की नितान्त आवश्यकता है, जिससे भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के समय भी कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जा सके। प्रतिकूल मौसम से बचने एवं अनुकूल मौसम से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने हेतु कृषकों को मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं एवं एस0एम0एस0 सेवा द्वारा कृषि पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सम्मेलन के विभिन्न व्याख्यानों एवं चर्चाओं के आदान-प्रदान एवं कृषि वैज्ञानिकों की संस्तुतियों से देश की कृषि उत्पादन एवं सहयोगी प्रणाली को सुदृढ़ करने में निश्चित रूप से सहयोग मिलेगा।

इससे पूर्व प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही ने सम्मेलन को आॅनलाइन सम्बोधित करते हुये कहा कि मौसम परिवर्तन से कृषि फसलों को हो रही क्षति से किसानों को कैसे बचाया जाये, इस पर विशेष मंथन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि हेतु कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इस तरफ विशेष ध्यान देकर ऐसी तकनीक एवं अधिक उत्पादन देने वाले उन्नतशील बीज तैयार किए जाने की आवश्यकता है, जिससे प्रति हेक्टेयर पैदावार में अपेक्षित वृद्धि हो सके क्योंकि प्रति हेक्टेयर पैदावार में हम बांग्लादेश व श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों से भी पीछे हैं।

इस वेबकाॅन में पद्मभूषण डा0 राम बदन सिंह, पद्मश्री डा0 ब्रह्म सिंह, कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय डाॅ0 डी0आर0 सिंह सहित कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ, छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने एक स्मारिका का आॅनलाइन विमोचन भी किया।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments
Loading...