सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क को बढ़ाकर किया दो गुना
न्यूज डेस्क — सरकार ने गेहूं के सस्ते आयात को रोकने तथा चालू रबी सत्र में किसानों को मूल्य के संदर्भ में सकारात्मक संकेत देने के लिए इसके आयात शुल्क को बढ़ा दिया है.सरकार ने आयात शुल्क को दोगुना कर 20 फीसदी कर दिया है.अभी तक इस पर 10 प्रतिशत ही शुल्क लगता था.वही कनाडा जैसे देश से सस्ते आयात पर अंकुश लगाने के लिए मटर पर भी 50 फीसदी का आयात शुल्क लगाया गया है.
बता दें कि केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने एक अधिसूचना में कहा कि वो मटर पर बुनियादी सीमाशुल्क को मौजूदा शून्य से बढ़ाकर 50 फीसदी करने तथा गेहूं के आयात शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की पेशकश करता है.दरअसल फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में नौ करोड़ 83.8 लाख टन के भारी उत्पादन के मद्देनज़र स्थानीय कीमतों में भारी गिरावट को रोकने के लिए मार्च में सरकार ने गेहूं पर 10 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया था.
अब जब किसानों ने रबी गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है तो सरकार किसानों को अधिक गेहूं उगाने के लिए प्रेरित करने के मकसद से इन मूल्य से सकारात्मक संदेश देना चाहती है.सरकार नहीं चाहती कि उत्पादक दलहन किसानों का रास्ता चुनें जिन्होंने इस खरीफ सत्र में अन्य फसलों की ओर अपना रुख कर लिया क्योंकि पिछले वर्ष के भारी उत्पादन के मद्देनज़र बुवाई की अवधि के ठीक पहले कीमतें कम बनी हुई थीं.
भारत ने फसल वर्ष 2016-17 में रिकॉर्ड 2.2 करोड़ टन दलहनों का उत्पादन किया जिसके कारण दलहन कीमतों में भारी गिरावट आई और कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी कम हो गयीं.इसके अलावा भारत ने पिछले वित्तवर्ष में करीब 50 लाख टन दलहनों का आयात भी किया था.वही मटर पर आयात शुल्क इसके आयात को रोकने और घरेलू कीमतों को बढ़ाने के लिए लगाया गया है.